इल्मी दुनिया की बेमिसाल शख्सियत थे सर सय्यद
एएमयू के संस्थापक सर सय्यद अहमद के जन्म दिन पर शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन
मेरठ। इल्म कामयाब ज़िंदगी की वह दहलीज है जिसे पार कर कोई भी इंसान अपना मुस्तकबिल (भविष्य) बेहतर बना सकता है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सय्यद अहमद खा के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बुद्धिजीवियों और उलेमा ने उनके संघर्षपूर्ण जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सदर स्थित मदरसा इमदादुल इस्लाम परिसर में आयोजित शैक्षिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि तालीम कामयाब जिंदगी की गारंटी है। प्रधानाचार्य मौलाना मशहूदुर्रहमान ने कहा कि सर सय्यद अहमद खा ने अगले 100 सालों का 'एजुकेशनल विजन' ध्यान में रखकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना की। मौलाना ने कहा कि आज दुनिया भर के लाखों छात्र-छात्राएं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से तालीम हासिल कर कामयाबी की बुलंदियों को छू रहे हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मौलाना मशहूदुर्रहमान चतुर्वेदी ने मदरसा संचालकों का आह्वान किया कि वह दीनी एवं दुनियावी दोनों प्रकार की तालीम का इंतज़ाम करें। कार्यक्रम का संचालन मास्टर मुकर्रम शेख ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में मौलाना जावेद ने भी सर सय्यद अहमद खा के शैक्षिक विजन पर चर्चा की। उन्होंने शेर पढ़ते हुए कहा कि 'मंजिल से आगे बढ़कर मंजिल तलाश कर, मिल जाए दरिया तो समुंदर तलाश कर'।
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