भारतीय पुरातत्व के जनक सर कनिंघम की प्रतिमा का अनावरण
“यह प्रतिमा प्रेरणा का स्रोत है” सुभारती में एएसआई के संस्थापक सर कनिंघम को मिला स्थायी सम्मान- विवेक रस्तोगी
कल से होगा सुभारती में बुद्ध मेले के चौथे संस्करण का आग़ज़ तो ऑपरेशन पवन के बलिदानियों को किया जाएगा याद
मेरठ: स्वामी विवेकानन्द सुभारती विवि ने भारतीय इतिहास के एक विस्मृत नायक को सम्मान देते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान (एएसआई) के संस्थापक सर अलेक्जेंडर कनिंघम की प्रतिमा का अनावरण किया। यह आयोजन केवल एक मूर्ति स्थापना नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय के शिक्षा, सेवा, संस्कार और राष्ट्रीयता के मूलमंत्र को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के मेरठ जिला अध्यक्ष विवेक रस्तोगी उपस्थित रहे।
सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण, कुलपति प्रो. (डॉ.) पी.के. शर्मा और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्या राज ने सामूहिक रूप से प्रतिमा का अनावरण किया। सर अलेक्जेंडर कनिंघम एक ब्रिटिश अभियंता थे, जिनकी दूरदृष्टि ने भारत की प्राचीन सभ्यता, बौद्ध स्मारकों और गौरवशाली अतीत को पुनः खोजने और संरक्षित करने में अमूल्य योगदान दिया। सारनाथ, साँची और भरहुत जैसी बौद्ध धरोहरों को दुनिया के सामने लाने का श्रेय उन्हीं को जाता है, जिन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की स्थापना कर भारतीय इतिहास को एक वैज्ञानिक आधार प्रदान किया।
मुख्य अतिथि विवेक रस्तोगी ने इस पहल को विवि की सांस्कृतिक चेतना से जुड़ी दृष्टि का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, “सुभारती विवि केवल अकादमिक ज्ञान नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी सोच और सेवा भाव से परिपूर्ण नागरिक तैयार कर रहा है। डॉ. अतुल कृष्ण की दूरदर्शिता ने इस विश्वविद्यालय को मेरठ की पहचान बना दिया है।”
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्या राज ने इस दिन को विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “सर कनिंघम ने बौद्ध स्थलों को खोजकर भारत की सांस्कृतिक आत्मा को जगाया था। यह पहल शिक्षा को आध्यात्मिकता और तकनीकी नवाचार से जोड़ने की हमारी प्रतिबद्धता दर्शाती है।” इसी अवसर पर उन्होंने बताया कि तथागत बुद्ध के संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने हेतु 11 से 17 अक्टूबर तक चतुर्थ सुभारती बुद्ध मेले का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, श्रीलंका में 1987 में हुए भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन पवन’ के अमर बलिदानियों की स्मृति में श्रद्धांजलि देने हेतु एक भव्य स्मृति समारोह भी 11अक्टूबर को विश्वविद्यालय में आयोजित होगा, जिसमें उस ऑपरेशन में शामिल रहे सैनिकों सैन्य अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन राम प्रकाश तिवारी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विधि संकाय के अध्यक्ष डॉ. वैभव गोयल भारतीय ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रमुख पदाधिकारी, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। जिसमें विश्वविद्यालय के चीफ़ प्रोक्टर डॉ. शशिराज तेवतिया, प्रो. पिंटू मिश्रा, डॉ. संदीप चौधरी, डॉ. आर.पी. सिंह, डॉ. ऋतेष चौधरी, डॉ. देशराज सिंह, डॉ. जैसमीन आनंदाबाई, गुंजेश ओझा, राजकुमार सागर समेत विभिन्न संकायों के छात्र व शिक्षक उपस्थित रहे।

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