वेंकटेश्वरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूसन्स में पांच दिवसीय "पीस एजुकेशन कार्यशाला" का आयोजन
मेरठ। दिल्ली-रुड़की बाईपास स्थित वेंकटेश्वरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूटसन्स में पांच दिवसीय "पीस एजुकेशन कार्यशाला" का आयोजन हुआ। कार्यशाला का शुभारंभ वेंकटेश्वरा ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉक्टर राजीव त्यागी एवं कैंपस डायरेक्टर डॉक्टर प्रताप सिंह ने दीप प्रज्वलित किया। यह कार्यशाला "द प्रेम रावत फाउंडेशन" (TPRF) की एक अंतर्राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत विकास, भावनात्मक समझ और आंतरिक शांति को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम में इंस्टिट्यूट के डीन, प्रिंसिपल तथा 30 फैकेल्टी मेंबर्स और 150 छात्रों ने भाग लिया, जिनमें से डीन, प्रिंसिपल तथा 30 फैकेल्टी मेंबर्स और 90 छात्रों को सत्र पूर्ण करने पर प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप बताया गया, जो जीवन-कौशल, आत्म-चिंतन और मानवीय मूल्यों पर बल देती है। यह कार्यक्रम अब भारत सरकार के SWAYAM Plus पोर्टल पर भी उपलब्ध है, जिससे देशभर के शैक्षणिक संस्थानों और सामुदायिक केंद्रों तक इसकी पहुँच आसान हो गई है।कैंपस डायरैक्टर डा प्रताप सिंह ने "पीस एजुकेशन प्रोग्राम" की सराहना की और इसे समय की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि “पीस एजुकेशन" न केवल व्यक्ति को आत्म-संवाद और आत्म-जागरूकता के लिए प्रेरित करता है, बल्कि यह आत्मविश्वास और जीवन दृष्टिकोण में भी सकारात्मक परिवर्तन लाता है। यह कार्यशाला हमारे स्टाफ तथा छात्रों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई।
डीन डॉ राहुल शर्मा ने प्रेम रावत के प्रेरणादायक विचारों को वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत करने और कार्यशाला को सफल बनाने में सहयोग देने के लिए फाउंडेशन के फैसिलिटेटर तथा तकनीकी टीम का आभार व्यक्त किया।
प्रिंसिपल नितिन राज वर्मा ने पीस एजुकेशन प्रोग्राम को उनके आत्म बल, स्पष्टता और चयन करने की शक्ति को जानने में मददगार बताया।
प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को जीवन-परिवर्तनकारी अनुभव बताया। उनका कहना था कि उन्हें पहली बार शांति, आत्म-जागरूकता और जीवन के गहरे मूल्यों पर गहन चिंतन का अवसर मिला। उन्होंने इसे व्यक्तित्व विकास और मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।
कार्यशाला की विषय-वस्तु
"पीस एजुकेशन प्रोग्राम" 10 प्रमुख विषयों पर केंद्रित है – शांति, सराहना, आंतरिक शक्ति, स्वयं को जानो, स्पष्टता, समझ, गरिमा, तृप्ति, आशा और जीवन की दिशा। प्रत्येक सत्र में प्रेरणादायक वीडियो, व्याख्यान और आत्म-अवलोकन की गतिविधियाँ शामिल रहीं।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में इंस्टिट्यूट के कैम्पस डायरैक्टर डा प्रताप सिंह व डीन डॉ राहुल शर्मा का विशेष योगदान रहा।अंत में, इंस्टिट्यूट के डीन डॉ राहुल शर्मा ने TPRF फैसिलिटेटर राजेश्वर त्यागी व सहयोगी टीम रविन्द्र कुमार मलिक, प्रीतम सिंह व पूजा ठाकुर का सम्मान कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
व्यापक महत्व
आज के डिजिटल युग में, जब बाहरी दबाव और सोशल मीडिया का प्रभाव लोगों को भीतर से अस्थिर करता है, शांति शिक्षा कार्यक्रम विशेष रूप से प्रासंगिक हो जाता है। "द प्रेम रावत फाउंडेशन" द्वारा संचालित यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कार्यक्रम प्रतिभागियों को अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने, शांति का अनुभव करने और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है। यह प्रोग्राम 84 से अधिक देशों और 45 भाषाओं में उपलब्ध है और अब तक लाखों लोग इसका लाभ ले चुके हैं। यह कार्यक्रम व्यक्तिगत विकास और आंतरिक शांति लाने में अत्यधिक प्रभावशाली सिद्ध हुआ है।




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