शोभित विवि में नवाचार एवं उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के अवसर विषय पर कार्यशाला का आयोजन
मेरठ।शोभित विवि के नाइस स्कूल ऑफ बिज़नेस स्टडीज़ द्वारा बी.बी.ए. एवं एम.बी.ए. विद्यार्थियों के लिए नवाचार एवं उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के अवसर विषय पर एक प्रेरणादायक एवं ज्ञानवर्धक कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता डॉ. नवनीश त्यागी एसोसिएट प्रोफेसर, ने विद्यार्थियों को नवाचार और उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर करियर निर्माण की दिशा में प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में नवाचार का अर्थ केवल नई तकनीक विकसित करना नहीं है, बल्कि समाज में मौजूद वास्तविक समस्याओं को नए दृष्टिकोण से हल करना भी है।
कार्यशाला की विशेषता कबाड़ीवाला डॉट कॉम पर आधारित एक संवादात्मक विश्लेषण रहा, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों ने यह समझा कि किस प्रकार सीमित संसाधनों से शुरुआत कर कचरा प्रबंधन जैसे सामाजिक एवं पर्यावरणीय क्षेत्र में भी एक प्रभावी व्यावसायिक मॉडल स्थापित किया जा सकता है। इससे विद्यार्थियों को यह स्पष्ट हुआ कि नवाचार केवल तकनीकी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक समस्याओं के समाधान के माध्यम से भी स्थायी उद्यमिता विकसित की जा सकती है।
डॉ. त्यागी ने भारतीय स्टार्टअप ओयो का उदाहरण देते हुए बताया कि सफल उद्यमी समय-समय पर अपने व्यवसायिक मॉडल में उपयुक्त परिवर्तन कर बाजार की मांगों के अनुरूप अपने उद्यम को सशक्त बनाते हैं।
विद्यार्थियों को स्टार्टअप इंडिया,अटल नवाचार मिशन, अटल टिंकरिंग लैब्स, विश्वविद्यालय इनक्यूबेशन केंद्र, टी-हब तथा नैसकॉम १०,००० स्टार्टअप्स जैसी राष्ट्रीय पहलों की विस्तृत जानकारी दी गई। इन पहलों के माध्यम से नवोदित उद्यमियों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण एवं नेटवर्किंग के अवसर प्राप्त होते हैं।
इसके अतिरिक्त, हाल के सफल भारतीय नवोन्मेषी उद्यमों जैसे जोमैटो, ब्लिंकिट, मीशो, बोट एवं मामाअर्थ के उदाहरणों द्वारा विद्यार्थियों को यह समझाया गया कि युवाओं ने कैसे नवीन विचारों, तकनीकी ज्ञान और बाजार की समझ के आधार पर अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की।
इस अवसर पर विभाग के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) विकास गुप्ता ने कहा कि युवा पीढ़ी में नवाचार एवं उद्यमशीलता की भावना का विकास देश की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। विश्वविद्यालय सदैव ऐसे अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनसे विद्यार्थी न केवल रोजगार पाने वाले बनें, बल्कि रोजगार सृजक के रूप में अपनी भूमिका निभा सकें।
कार्यशाला का सफल समन्वयन डॉ. एव्गेनिया झारिकोवा, एसोसिएट प्रोफेसर, के निर्देशन में हुआ। छात्र संयोजक मनीषा एवं कैल्विन कटारिया ने आयोजन की व्यवस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभाई।

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