पलक झपकते ही जमींदोज हुआ अवैध काम्पलैक्स
धूल के गुब्बार से दिन में छाया अंधेरा , सेंट्रल मार्केट में अवैध काम्पलैक्स पर चला बुलडोजर
मेरठ। सेंट्रल मार्केट शास्त्री नगर में अवैध रूप से बनी 22 दुकानों के व्यावसायिक परिसर को दूसरे दिन सवा घंटे चली कार्रवाई में अवैध काम्पलैक्स ताश के पत्तों की तरह जमीदोज हो गया।कुछ देर के लिए पूरे क्षेत्र में धूल का गुब्बार छा गया। धूल से बचने के डयूटी पर तैनात पुलिस प्रशासन व आवास विकास के अधिकारी व मीडिया कर्मी छिपते नजर आए। पानी के छिड़काव से धूल के गुब्बार को समाप्त किया गया। दूसरे दिन की कार्रवाई से पूर्व पुलिस ने पूरे क्षेत्र की नाकेबंदी कर दी।
दूसरे दिन सुबह दस बजे कार्रवाई आरंभ की गयी। ध्वस्तीकरण के दो पार्कलेन मशीनों को लगाया गया। शुरूआत मेन रोड़ बचे काम्पलैक्स दिवाराें को तोड़ने से की गयी। जिस समय दूसरे दिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही थी। उसी दुकानों के स्वामी यह अपने सपनों को टूटने का नजारा देख रहे थे। ऊधर बुलडोजर चल रहा था इधर उसकी आंखों से आंसू छलक रहे थे। ठीक 11 बजकर 43 मिनट पर पार्कलेन मशीन से मेन पिलर पर हैमर को मारकर ध्वस्त कर दिया। इसके बाद मशीन चालक ने तेजी से वहां से मशीन को हटा दिया। इसकी ठीक कुछ सैकड बाद पूरा अवैध काम्पलैक्स धराशायी होते हुए जमीन पर आ गयी। काम्पलैक्स के जमीदोंज होते हुए धूल को ऐसा गुब्बाार निकला जिसने नोएडा के अवैध काम्पलैक्स के ध्वस्तीकरण की याद दिला दी। वहां तैनात पुलिस प्रशासन व आवास विकास के अधिकारीगण समेत पूरे घटनाक्रम की कवरेज कर रहे मीडिया कर्मी भी अपने को धूल से बचाने का प्रयास करते हुए नजर आए ।
पानी के छिडकाव से धूल के गुब्बाार को दबाया गया
काम्पलैक्स के जमीदोंज होते हुए धूल के गुब्बाार को समाप्त करने के कार्यदायी संस्था के कर्मचारियों ने छिड़काव करना आरंभ कर दिया। काफी देर बाद धूल का गुब्बार समाप्त हो पाया।
विरोध में उतरे व्यापारी
मीडिया से बात करते हुए आवास विकास के डिप्टी हऊसिंग कमिशनर अनिल कुमार ने कहा उक्त क्षेत्र में अन्य 31 अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर भी कार्रवाई की जा जाएगी। जो आवासीय भूखंड में बने है। उनको नोटिस पहले ही जारी हो चुके है। इस बात की खबर वहां मौजूद व्यापारियों को लग गयी। वही सड़कों पर उतर गये। पहले तो उन्होंने बाजार में खुली दुकानों को बंद कराया। इस बीच पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने व्यापारियों को चेताया कि वह जबरन की किसी दुकान को बंद न कराए। अपनी मर्जी से काेई दुकानदार दुकान कर रहा है तो बात अलग है। व्यापारियों ने पुलिस को सहयोग देने का वादा किया। इस दौरान व्यापारियों ने आवास विकास के अधिकारियो ंके खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। अधीक्षण अभियता पर जमकर भड़कें व्यापारी।
अन्य अवैध निर्माण पर पर लटकी तलवार
जिस तरह से शास्त्री नगर के सैट्रल मार्केट के 661/6 पर बने अवैध काम्पलैक्स को जमीदोंज किया गया है। उससे उन 31 व्यावसियक प्रतिष्ठनों पर खतरे बादल मंडरा गये है। जिन्हें आवास विकास की ओर पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में पहले ही कल चुका है। इस प्रकार के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाए। अवैध काम्पलैक्स के ध्वस्तीकरण के बाद आवास विकास के अधिकारियों को आगे की कार्रवाई करने का बल मिल गया है।
दूसरे दिन भी नहीं दिखाए दिए जनप्रतिधि
जनता की वोट के बल पर पूरे पांच साल तक राज करने वाले जनप्रतिनिधि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दूूसरे दिन भी नदारद नजर आए। इस बात की कड़ी नाराजगी व्यापारियों व स्थानीय लोगों में दिखाई दी। दुकानदाराेे का कहना था वह भाजपा के समर्थक है चुनाव में तन ,मन व धन से भाजपा के प्रत्याशियों को जितवाने के लिए प्रयास किया। लेकिन उसका यह सिला जनप्रतिनिधियों ने ये दिया है। आप सबसे सामने है। कोई भी व्यापारियों को अपना दर्द बांटने तक भी नहीं आया है। इससे पता चला भाजपा की कथनी व करनी में कितना फर्क है। इसका सटीक जवाब समय आने पर दिया जाएगा।
व्यापारियों की रातों की नींद उड़ी
शास्त्री नगर के सैट्रल मार्केट में 661/6 भूखंड पर बने काम्पलैक्स के अंदर बनी 22 दुकानों के जमीदोंज होने के बाद उन दुकानदारों की रातों की नींद उड़ गयी है। काफी घरों में शनिवार की रात को चुल्हे तक नहीं जले । रात भर करवटे बदलते हुए अपने भविष्य के बारे में उधेड़ बुन करने नजर आए। ज्यादातर व्यापारियों का कहना है उनका तो जीवन ही कारोबार से जुडा है। इसमें सब कुछ लगा हुआ है वह समाप्त हो जाएगा तो जीने के लिए क्या बचेगा।
आवास विकास के अधिकारियों ने ली राहत की सांस
शास्त्री नगर के 661/6 भूखंड के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पूर्व आवास विकास के अधिकारियों पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई को लेकर जो चेहरे लटके हुए थे उस पर चमक आ गयी है। दो दिन चली ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद अधिकारियों के चेहरे खिले नजर आ रहे है। अधिकारियों को डर सता रहा था कही व्यापारी इसका विरोध न कर दे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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