सुनवाई से पहले जवाब की तैयारी में अधिकारी, ध्वस्तीकरण के लिए मांगी फोर्स
जिन पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाही होनी है कल सकती बिजली पानी के कनेक्शन
मेरठ। सेंट्रल मार्किट के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा शासन प्रशासन से जवाब मांगे जाने के बाद से आवास एवं विकास परिषद के अधिकारियों में खलबली मंची हुई है। आगामी 27 अक्टूबर को अदालत में जवाब दाखिल करने से पहले तीन एफआईआर और ध्वस्तीकरण के लिए परिषद ने फोर्स मांगी है। जिसके बाद जवाब दाखिल करने के लिए योजना बनाई जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ध्वस्तीकरण के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद अवमानना याचिका दायर की गई।
शास्त्रीनगर के सैक्टर-6 के भूखण्ड संख्या 661 में भू-उपयोग परिवर्त कर अवैध व्यवसायिक प्रयोग किया जा रहा था। इस मामले में विगत 24 दिसंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने 3 महिने में कब्जामुक्त करने के बाद ध्वस्तीकरण के आदेश दिए थे। करीब 10 माह बाद बीत जाने के बाद अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। कोर्ट की अवमानना याचिका पर 8 अक्टूबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन का समय दिया था। जिसमें शासन प्रशासन समेत आवास विकास परिषद के अधिकारियों से जवाब मांगा है। 27 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई से पहले परिषद के अधिकारियों ने तीन एफआई आर दर्ज करा दी।
वहीं 25 अक्टूबर को ध्वस्तीकरण के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर फोर्स की मांग की गईं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में नए निर्माण को किसी भी दशा में न बनने की बात कही थी। जिसके बाद भूखण्ड संख्या 259/6 पर एक विशाल ज्वैलरी शोरूम बना दिया गया। ये निर्माण भी भूउपयोग परिवर्तित कर अवैध रूप से तैयार किया गया है। इस निर्माण पर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। अधिशासी अधिकारी आफताब अहमद का कहना है कि 259/6 के स्वामी को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। जिसके जवाब से संतुष्टि नहीं हो सकी। अब इस अवैध निर्माण को सील करने के लिए अधीक्षण अभियंता से स्वीकृति ली जा रही है। जल्द ही सीलिंग की कार्यवाही की जाएगी।
बिना रिश्वत खाये करीब 1400 अवैध निर्माण नहीं हुए होंगे
-बिना रिश्वत खाये करीब 1400 अवैध निर्माण नहीं हुए होंगे। इसी कारण अभी तक कोई मजबूत कार्यवाही नहींहो सकी। अब तक केवल अदालत को गुमराह करने की कोशिश की गई है। सुप्रीम कोर्ट को इन सभी बिंदुओं से भी अवगत कराया जाएगा।
-लोकेश खुराना, आरटीआई एक्टिविस्ट ।
ध्वस्तीकरण से पहले कटेगा बिजली कनेक्शन
आवास आयुक्त के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश में कही भी ध्वस्तीकरण की कार्यवाही से पहले बिजली का कनेक्शन कटवाना जरूरी है। सेंट्रल मार्किट का यदि 25 अक्टूबर को ध्वस्तीकरण किया गया तो पहले बिजली कनेक्शन काटा जाना जरूरी हैं। परिषद ने कई माह पूर्व बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता महेश कुमार को पत्र भी लिखा था। जिसके बाद कनेक्शन कटवाने के लिए फोर्स मांगी गई थी जो आज तक नहीं मिल सकी। ऐसे में सवाल ये है कि आगामी 27 अक्टूबर की सनुवाई से पहले ध्वस्तीकरण कैसे संभव होगा।
जिसे कारण बताओ नोटिस उसी से दर्ज कराई एफआई
आवास एवं विकास परिषद के अधिकारी भ्रष्टाचार में इतने लिप्त हैं कि जिस सहायक अभियंता अजब सिंह को कारण बताओ नोटिस दिया गया था उसी से एफआईआर दर्ज कराई गई। जबकि अजब सिंह की मेरठ में तैनाती ही नहीं है। वो सहारनपुर के निमार्ण खण्ड-4 में बतौर सहायक अभियंता तैनात हैं। पूर्व में उनकी तैनाती मेरठ में रही है और उन पर सैंट्रल मार्किट के तमाम अवैध निर्माण में संलिप्त होने की बात भी सामने आ रही है। यही कारण है कि जैना ज्वैलर्स को कारण बताओ नोटिस के साथ-साथ अजब सिंह को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जो अजब सिंह की मिलीभगत की ओर ईशारा भी है। अब उन्हीं से सेंट्रल मार्किट के व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।

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