धूमधाम से मनाया गया बाबा सँगता साहिब का प्रकाश उत्सव

 40 दिनों से सुबह शाम लग रहा था कीर्तन दरबार

 41वे  दिन धूमधाम से मनाया गया सतगुरु संगता साहिब जी का प्रकाश पर्व

सुबह 5:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक सजा कीर्तन दरबार और गुरबाणी का प्रवाह।

 10 शहरों से संगत ने पहुंच कर प्राप्त की गुरु घर की खुशियां

अद्भुत नजारा देख संगत बोली धन गुरु नानक

 मेरठ।  बुधवार को   गुरुद्वारा सचखण्ड दरबार थापर नगर में 40 दिनों से चल रहा सुबह-शाम गुरबाणी कीर्तन का प्रवाह 41वे दिन अपने गंतव्य तक पहुंच गया। बाबा सँगता साहिब  के प्रकाश उत्सव पर देश विदेश से आई संगतों ने अपनी आहुति दी।परमात्मा के नाम का ऐसा रंग संगतों पर चढ़ा की सचखंड की ही अनुभूति संगतो को प्राप्त हुई।



मेरठ के कीर्तनीये स. सतनाम सिंह, बीबी कुलजीत पूनम ठक्कर, कवल जीत सिंह और गुरप्रीत सिंह ने सर्वप्रथम संगतों को गुरबाणी कीर्तन से निहाल किया तदुपरांत लुधियाना से आये भाई इंदरजीत सिंह जी, भाई प्रभजिंदर सिंह जी तथा अंत में अमृतसर से आए भाई हरदयाल सिंह जी एवं  ने गुरबाणी कीर्तन का अद्भुत गायन कर संगतों का मन मोह लिया।अरदास के समय सभी सँगत के द्वारा करे गए मूल मंत्र साहिब, पंज पौड़ी, जपजी साहिब, सुखमनी साहिब, रहरास साहिब, सहज पाठ, प्रेम पाठ और अखंड पाठ साहिब की अरदास करी गई।अंत मे गुरु का लंगर सभी संगतों ने छका।कार्यक्रम में गुरद्वारा साहिब के मुख्य सेवादार  हरजस राय ढींगरा, हरकेश बत्रा, गुलशन मक्कड़, सैबी ढींगरा आदि का सहयोग रहा।

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