मिशन शक्ति फेस-5.0 के तहत दीया एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन
मेरठ। सीसीएसयू में स्थित स्ट्रीट गुरुकुल में दीपावली के उपलक्ष में बच्चों के द्वारा दीया एवं रंगोली प्रतियोगिता, महिला अध्ययन केन्द्र द्वारा मिशन शक्ति फेस-5.0 के तहत आयोजित की गयी। कार्यक्रम अध्यक्षता महिला अध्ययन केन्द्र की समन्वयक प्रो. बिन्दु शर्मा ने की कार्यक्रम में विशिष्ट अथिति डा. वैशाली पाटिल विभागाध्यक्ष चरक स्कूल ऑफ फार्मेशी डा. धर्मेन्द्र कुमार व योगाचार्य राखी सिंह रही
इस अवसर पर प्रो. बिन्दु शर्मा ने बच्चों के जोश एवं उत्साह के साथ भागेदारी की प्रशंसा की स्ट्रीट गुरुकुल के बच्चे बहुत ही अनुशासित है दीया एवं रंगोली प्रतियोगिता में रंगो का चयन बच्चो ने बहुत सोच समझ कर किया है। बच्चों जोश एवं उत्साह ये दिखाता है कि बच्चे अपना शतप्रतिशत दे सकते है इसके लिए साधन व सुविधाओं का अभाव भी उनको आगे बढ़ने से नही रोक सकता है बच्चों के ऐसे संस्कार देने के लिए स्ट्रीट गुरुकुल के सभी शिक्षकों धन्यवाद करती हॅू के वो वंचित वर्ग के बच्चों में इस तरह के संस्कार एवं शिक्षा देकर देश सेवा के लिए ऐसे उत्कृष्ट बच्चे को तैयार कर रहें है इसके लिए मैं शिक्षकों का आभार व्यक्ति करती हूं।
कार्यक्रम में डा. वैशाली पाटिल ने बच्चाें से यह प्रश्न किया कि दीपोत्सव एवं दीपावली क्यों मनाई जाती है ? तो बच्चों ने बढ़े उत्साह के साथ उत्तर दिया कि वो अपने-अपने घरों पर कैसे दीपावली मनाते है विस्तार से बताया डा0 वैशाली पाटिल ने बच्चों को स्वच्छता का महत्व बताया और स्वच्छता के द्वारा हम बहुत सारी बीमारियों से बच सकते है जैसा प्रधानमंत्री मोदी जी का आग्रह है कि हमेें स्वच्छता के बारे में सभी को जगरूक करना चाहिए और बच्चे इसका सशक्त माध्यम बन सकते है।
कार्यक्रम में बच्चों को योगाचार्य राखी सिहं ने स्वस्थ के प्रति जागरूक करते हुए उनको कैसे बैठना है कैसे खडे होना है कैसे पढ़ते समय कमर सीधी करके बैठने के क्या लाभ है हम अपनी लम्बाई और स्मरण शक्ति को योग के द्वारा कैसे बडा सकते है। के बारे में विस्तार से बताया बच्चों को ओउम् के उच्चारण कैसे करना है इसके क्या लाभ है योग के द्वारा हमारे तनमन को कैसे स्वस्थ रह सकता है। बच्चों को उन क्रियाओं को सिखाया और प्रणायाम के बारे मे अवगत कराया जब योग आसन कराये तो बच्चों ने सराहनहीय प्रर्दशन किया इसकी सभी ने प्रशंसा की ।
डा. धर्मेन्द्र कुमार ने स्ट्रीट गुरूकुल के इतिहास के बारे मेें विस्तार से बताया कि किस तहर 8 वर्ष पूर्व इसकी शुरुआत सड़क के किनारे रहने वाले धुदलियों के परिवार के 4-5 बच्चों से हुई। शुरूआत में इसका कोई नाम नही था। एक कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में कुलपति जी की सहभागिता रही थी कार्यक्रम के बाद कुलपति कार्यलय ने पूछा कि आज किस स्कूल के कार्यक्रम में कुलपति जी ने हिस्सा लिया है उसके फोटो विश्वविद्यलय की बेबसाइट पर अपलोड करनी है तो मेरे द्वारा स्ट्रीट गुरुकुल नाम दिया गया। उसके बाद से इसे स्ट्रीट गुरुकुल के नाम से जाना जाता है, इस बार के दीक्षांत समारोह में माननीय कुलपति जी ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या में इसका विशेष रूप से उल्लेख मा0 राज्यपाल के समक्ष किया गया यह हमारे स्ट्रीट गुरुकुल से जुडे हुए सभी बच्चे एवं शिक्षकांे के लिए गर्व की बात है स्ट्रीट गुरुकुल कार्य बच्चों को यहां पढ़ाने तक ही सीमित नही है ये बच्चों के प्रवेश फीस, डेªस आदि सभी जरूरत मन्द बच्चांे को सामाजिक सहयोग से उपलब्ध कराता है। इसके लिए विशेष रूप से अगनपाल बी0बी0 शर्मा जो निरंतर बच्चों व बच्चोे के परिवार के साथ जुडे रहते है और इसे शुचारू रूप से चलाने में अथक प्रयास करते है।
दीया प्रतियोगिता में पुनीत को प्रथम स्थान परी को द्वितीय स्थान सध्या को तृृतीय पुरस्कार रंगोली प्रतियोगिता मेें स्वाती को प्रथम सध्या को द्वितीय रोहन को तृतीय पुरस्कार मिला नाजिंया, लडडू, आरिस एवं कन्नू, को शान्तुना पुस्कार मिला। पुरस्कारों की घोषणा शिक्षका गार्गी श्रीवास्तव ने की।
कार्यक्रम में अगनपाल सिहं ने सभी अथितियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम संचालन भारत भूषण शर्मा ने किया डा0 नरेश स्ंसकृति प्रवीन अरोडा, सागर शर्मा आदि का विशेष सहयोग रहा।

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