हरियाणा में आईपीएस सुसाइड मामला
15 IAS-IPS पर केस दर्ज, डीजीपी और रोहतक एसपी पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के तीसरे दिन गुरुवार देर शाम चंडीगढ़ पुलिस ने उनकी पत्नी और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली है। यह FIR भारत न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(r) के तहत सेक्टर-11 थाने में दर्ज की गई है।
सुसाइड नोट में थे 15 उच्चाधिकारियों के नाम
आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में हरियाणा के 15 IAS-IPS अधिकारियों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था। उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार ने शिकायत में इसी सुसाइड नोट का हवाला दिया है।
चंडीगढ़ पुलिस की एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि सुसाइड नोट को आधार मानते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज किया गया है। सुसाइड नोट में नामित सभी लोगों को आरोपी बनाया गया है।
डीजीपी और रोहतक एसपी को हटाने की तैयारी
अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस को दी शिकायत और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सौंपे पत्र में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया को अपने पति की मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए तुरंत FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री से मुलाकात और हाई लेवल मीटिंग के बाद हरियाणा सरकार डीजीपी कपूर और रोहतक SP को हटाने की तैयारी में है। कपूर को हटाकर ओपी सिंह को हरियाणा का नया डीजीपी बनाया जा सकता है।
सीएम सैनी से मिलकर मांगी न्याय और सुरक्षा
गुरुवार को जापान से लौटने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तुरंत अमनीत पी. कुमार से मिलने उनके घर पहुँचे। अमनीत कुमार ने सीएम को दो पेज का पत्र सौंपते हुए आरोप लगाया कि उच्च पदस्थ अधिकारी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जाँच को प्रभावित कर रहे हैं और एफआईआर दर्ज होने से रोक रहे थे।
पत्र में अमनीत कुमार ने कहा है कि यह मामला सिर्फ एक अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि ‘न्याय, समानता और कानून के शासन की परीक्षा’ है। उन्होंने तुरंत एफआईआर दर्ज करने, आरोपियों को निलंबित करने और परिवार को आजीवन सुरक्षा देने की मांग की।
राष्ट्रीय आयोग ने लिया संज्ञान
इस बीच, नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड कास्ट्स (NCSC) ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को 7 दिन में रिपोर्ट देने का नोटिस जारी किया है। आयोग ने चेतावनी दी है कि समय सीमा के भीतर जवाब न आने पर उन्हें आयोग में हाजिरी के लिए सम्मन जारी किया जा सकता है।
समग्र घटनाक्रम के बीच, वाई पूरन कुमार का शव अभी भी चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्थित गवर्नमेंट अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखा है और पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है।


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