नगर निगम की बोर्ड बैठक  में सभासदों के बाद सफाई कर्मियों ने किया हंगामा 

सफाई कर्मचारी संघ ने मेयर-नगर आयुक्त को घेरा पार्षद बोले- महापुरुषों के नाम स्टेशन हों

मेरठ। बुधवार को विवि के बृहस्पति भवन में नगर निगम की बोर्ड बैठक की शुरुआत हंगामे के साथ आरंभ हुई।बैठक शुरू होने से पहले ही हंगामा हो गया। सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिनेश मनोठिया ने बैठक में शामिल होने आ रहे महापौर हरिकांत अहलूवालिया और सौरभ गंगवार को रोक लिया। बैठक में महापौर हरिकांत अहलूवालिया और पार्षदों के बीच हुई बहस हुई ।  

बोर्ड बैठक सुबह साढ़े ग्यारह बजे आरंभ होनी थी। सभागार पूरी तरह भर चुका था। बैठक में  शामिल होने के लिए मेयर हरिकांत अहलूवालिया व नगर आयुक्त  सौरभ गंगवार सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिनेश मनोठिया ने बैठक में शामिल होने आ रहे महापौर हरिकांत अहलूवालिया और सौरभ गंगवार को रोक लिया।हाथ में स्लोगन लिखी पट्टी लेकर पहुंचे। नगर निगम कर्मचारियों ने कहा कि वह सालों से कर्मचारियों से जुड़ी मांग उठने आ रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई कोई नहीं कर रहा है। तरह-तरह से कर्मचारियों का अपमान किया जा रहा है। दोनों अधिकारियों  को सफाई कर्मचारियों ने खरी खोटी सुनाई । किसी तरह मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने मौर्चा संभालते हुए उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। 



वंदे मातरम के साथ बोर्ड बैठक आरंभ हुई सबसे पहला प्रस्ताव रेखा गुप्ता ने सरकार की जीएसटी की दराें कटौती करने पर मोदी व योगी का आभार प्रकट केिया। उधर, बैठक में भाजपा पार्षद उत्तम सैनी ने स्टेशनों के नाम को लेकर अपना प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा के रैपिड और मेट्रो स्टेशन तैयार हो चुके हैं। इन सभी स्टेशनों के नाम को हमारे महापुरुषों के नाम पर रखा जाए।

एक पार्षद ने बोर्ड बैठक में  एक पार्षद लघु उद्योगों पर कमर्शियल टैक्स हटाने का स्लोगन लिखा बैनर पहन कर बैठ  गये। तभी भाजपा पार्षदों ने विरोध  करना आरंभ कर दिया। पार्षदों का कहना है जब बैठक से पहले तय हो गया था। कि बैठक में किसी तरह सोहार्द बनाए रखा जाएगा। तब विरोध करने का यह तरीका क्यों अपना गया। इस पर मेयर ने कड़ा रूख अपनाते हुए पार्षद से अपने शरीर से बैनर को हटाने के निर्देश दिये। 



पार्षद बोले- महापुरुषों के नाम पर हो स्टेशनों का नाम

भाजपा पार्षद उत्तम सैनी ने स्टेशनों के नाम को लेकर अपना प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा के रैपिड और मेट्रो स्टेशन तैयार हो चुके हैं। इन सभी स्टेशनों के नाम को हमारे महापुरुषों के नाम पर रखा जाए। पार्षद प्रदीप ने भी एक स्टेशन का नाम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखने की मांग उठाई जिसे सभी पार्षदों का समर्थन भी मिला। इस दौरान कई और पार्षद भी महापुरुषों का नाम गिनाते दिखाई दिए।पार्षद पवन चौधरी ने बताया कि पिछली बोर्ड बैठक में नगर निगम के कर्मचारियों ने पार्षदों को अपमानित किया था। पिछली बोर्ड बैठक में खाने को लेकर विवाद हुआ था जिसने पार्षदों को अपशब्द कहे गए थे। इसी कारण आज पार्षद अपने साथ अपना खाना पानी और चाय लेकर आए हैं।

पार्षदों ने कर दिया है जमकर हंगामाबृहस्पति भवन में बैठक होने वाली थी। तभी स्टेज के पास चाय जमीन पर बिखर गयी। उस समय वहां पार्षद बैठे थे। उनके पैरों पर चाय डलने से बची। इस पर पार्षदों ने हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि  नगर निगम के कुछ कर्मचारियों ने चाय गिरा दी। पार्षदों का आरोप था कि जानबूझकर उनकी चाय बिखरी गई है।इस पर फिर से हंगामा होना आंरभ हो गया। निगम के कर्मचारियों न आरोप को बेनुनियाद बताया। काफी देर तक चाय जमीन पर पड़ी रही। तभी कुछ पार्षदों ने निगम के कर्मचारियों से जमीन बिखरी चाय को साफ कराया। 

  जितना टैक्स, उतना विकास का मुद्दा गरमाया

बोर्ड बैठक के दौरान मुस्लिम पुरुषों में भी अपने क्षेत्र के विकास का मुद्दा उठाया। उनका आरोप था कि जानबूझकर उनके क्षेत्र को नजर अंदाज किया जा रहा है। यह सुनकर कुछ भाजपा पार्षद भड़क गए। महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने भी अपनी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने मुस्लिम क्षेत्रों से मिलने वाले टैक्स का हवाला देते हुए आरोप खारिज कर दिए।  

पार्षद  ने कहा कि जो लोग अपने क्षेत्र का विकास मांग रहे हैं वह अपने क्षेत्र की टैक्स की व्यवस्था को भी देखें। कुछ भाजपा पार्षद ने कहा कि जो क्षेत्र जितना टैक्स देगा, उसके अनुसार इसका विकास होना चाहिए। इस पर सदन में हंगामा खड़ा हो गया।  

पार्षद अनुज वशिष्ठ ने निगम की ओर से किए जा रहे जीपीएस सर्वे का विरोध करते हुए कहा कि पहले निगम उन कोठियों से टैक्स वसूले जिनसे अभी तक वसूला नहीं गया है।


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