पूर्व मंत्री पार्थ को हाईकोर्ट से मिली जमानत

कोलकाता (एजेंसी)।कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को शिक्षक भर्ती घाटाले के मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को जमानत दे दी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर रही है।
जस्टिस सुव्रा घोष की बेंच ने शुक्रवार को पार्थ चटर्जी की जमानत की शर्तों के तहत पासपोर्ट जमा करने और निचली कोर्ट की सीमा से बाहर न जाने का निर्देश दिया। जस्टिस घोष ने यह भी आदेश दिया कि चटर्जी मुकदमे के दौरान सार्वजनिक पद पर नियुक्त नहीं किए जाएंगे।
चटर्जी को यह भी निर्देश दिया गया कि वह निचली कोर्ट में हर सुनवाई की तारीख पर हाजिर हों। 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एक संबंधित मामले में चटर्जी को जमानत दी थी, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि उन्हें तभी रिहा किया जाएगा जब निचली कोर्ट अहम गवाहों के बयान दर्ज कर लेगा।
गौरतलब है कि पार्थ चटर्जी बंगाल के सरकारी स्कूलों में नौकरी के बदले पैसे घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। उनको प्राथमिक स्कूलों में भर्ती में गड़बड़ियों के मामले में जमानत मिली है। पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी तीन साल से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। ईडी और सीबीआई की ओर से दर्ज अन्य मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। अब इस नए मामले में जमानत मिलने के बाद अगर वह जमानत से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर लेते हैं, तो जेल से बाहर आ सकते हैं।
हालांकि, वकीलों को संदेह है कि पार्थ चटर्जी दुर्गा पूजा से पहले रिहा हो पाएंगे या नहीं। उनका मानना है कि इससे जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते चटर्जी की जमानत से जुड़ी सारी औपचारिकताएं तभी पूरी हो सकेंगी, जब पूजा की छुट्टियों के  बाद अदालतें फिर से खुलेंगी।

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