कालेज की अनियमितता का मामला पहुंचा सीएम के दरबार

 अग्रसेन कॉलेज, वाराणसी के शिक्षक मुख्यमंत्री से मिले
वाराणसी।अग्रसेन पीजी कालेज, वाराणसी में व्याप्त अनियमितता का मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार तक पहुंच गया है। कालेज की अनियमितता के शिकार शिक्षक और कर्मचारी पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले और पत्रक दिया।
पत्रक में कहा गया है कि श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज के प्रबंधक और प्राचार्य ने एकतरफा कार्यवाही करते हुई 31 लोगों की सेवाएं जुलाई, 2025 से समाप्त कर दी थी। यह लोग लगभग 20 से 25 वर्षों से कार्यरत थे। इन लोगों मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पुनः सेवा में लिए जाने हेतु निवेदन किया। कॉलेज में नियुक्ति में मनमानेपन का आरोप लगाते हुए प्राचार्य सहित समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर आभा सक्सेना द्वारा कूटरचित अंक पत्र द्वारा नियुक्ति प्राप्त करने की जांच की मांग किया है।
गौरतलब है कि डॉ. आभा सक्सेना की जांच पहले भी हुई थी, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के एक विधायक के सहयोग से मामले को रफा दफा कर दबा दिया गया था।  पत्रक में यह भी आरोप लगाया गया है कि वित्तीय दान में मिले कंप्यूटर का उपयोग छात्राओं को सीखने में न करके उसका कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है। ऐसे ही मनोविज्ञान में एमए तक की कक्षाएं संचालित हैं, लेकिन अध्यापकों को निकाल देने और स्थायी शिक्षकों के सेवा निवृत्त हो जाने के उपरांत केवल दो शिक्षकों के भरोसे कॉलेज के दो परिसर संचालित हो रहे हैं। ऐसे मे पढ़ाई न होकर केवल औपचारिकता की पूर्ति हो रही है।
शिकायतकर्ताओं ने प्राचार्य एवं प्रबंधक नियम विरुद्ध तरीके से वित्तीय संकट दिखाकर कॉलेज से छंटनी करने का भी आरोप लगाया। साथ ही अन्य आर्थिक भ्रष्टाचार और स्वायत्तता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री को पत्रक सौंपने वालों में डॉ. श्वेता सिंह, डॉ. बृजेश पांडेय, डॉ प्रतिभा तिवारी, डॉ राज कुमारी रानी, डॉ विनीता पांडेय, डॉ मीना अग्रवाल, डॉ पूनम श्रीवास्तव, डॉ उषा चौधरी, डॉ मंजरी श्रीवास्तव, अर्चना शर्मा, राजेश सिंह, कैलाश कुशवाहा, प्रदीप श्रीवास्तव, सीमा श्रीवास्तव, मनोज झा, सुमन श्रीवास्तव आदि शामिल रहे।

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