अधिवक्ता बोले- कोल्हापुर को बैंच तो मेरठ को क्यों नहीं

हाईकोर्ट बैंच केंद्रीय संघर्ष समिति ने बुलाई आपात बैठक, सीएम से पूछेंगे

मेरठ। महाराष्ट्र के कोल्हापुर को हाईकोर्ट बैंच मिलने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया है। उन्होंने शासन पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगा दिया है। रविवार को इस संबंध में आपात बैठक बुलाकर संघर्ष समिति ने ऐलान किया कि वह सोमवार को मेरठ आ रहे उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से इस संबंध में दो टूक बात करेंगे। यह मुलाकात सकारात्मक रही तो ठीक वरना संघर्ष समिति आंदोलन की आगे की रणनीति पर विचार करेगी।

कचहरी स्थित मेरठ बार एसोसिएशन के नेताजी सुभाष चंद बोस सभागार में आपात बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि महाराष्ट्र के कोल्हापुर को चौथी बैंच दी गई है। जबकि मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिले लगभग 50 वर्ष से एक हाईकोर्ट बैंच की मांग करते आ रहे हैं। हर बार शासन इस मुद्दे को नजर अंदाज करने का काम करता आया है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कोल्हापुर को बैंच मिलने के बाद 22 जिले के अधिवक्ता खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ पहुंच रहे हैं। अधिवक्ता सीधे उनसे मुलाकात करते हुए हाईकोर्ट बैंच के मुद्दे पर सवाल जवाब करेंगे।

22 जिलों में काम नहीं करेंगे अधिवक्ता

बैठक में मेरठ व जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व महामंत्री के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ताओं को भी आमंत्रित किया गया था। सभी ने पुरजोर तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। निर्णय लिया गया कि शाम को एक प्रतिनिधिमंडल डीएम व कमिश्नर से मुलाकात कर मुख्यमंत्री से मिलने का समय निर्धारित करेगा। इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया कि ना केवल मेरठ बल्कि सभी 22 जिलों के अधिवक्ता सोमवार को काम नहीं करेंगे।

समय ना मिलने पर होगा आंदोलन

वक्ताओं ने कहा कि बिना मुख्यमंत्री से मुलाकात किए अधिवक्ता शांत नहीं बैठेंगे। ऐसे में अगर पुलिस प्रशासन किसी तरह का अड़ंगा इस मुलाकात में डालने का प्रयास करता है तो संघर्ष समिति आगे की रणनीति पर विचार करेगी। इस मुलाकात का उद्देश्य केवल यही जानना रहेगा कि आखिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना में कहां दिक्कत आ रही है।

यह बोले संघर्ष समिति के चेयरमैन...

हाईकोर्ट बैंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन संजय शर्मा व संयोजक राजेंद्र सिंह राणा ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता पिछले 50 वर्ष से बैंच के लिए संघर्ष रहे हैं। तमाम आंदोलन के बावजूद सरकार सुनवाई नहीं कर रही है। जबकि 1 अगस्त को महाराष्ट्र कोल्हापुर को चौथी हाईकोर्ट बैंच मिल चुकी है।

ऐसा तब है कि जब वहां केवल छह जिले हैं। मुख्यमंत्री से संघर्ष समिति केवल यह जानने का प्रयास करेगी कि 22 जिले वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश से यह सौतेला व्यवहार क्यों हो रहा है।

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