कैंसर पेशेंट ने ट्रेन से कटकर दी जान

मालगाडी आने से पूर्व रेलवे ट्रैक पर रखी गर्दन 

मेरठ। थाना सदर बाजार क्षेत्र के कैंट स्थित रेलवे लाइन  पर ट्रेन की चपेट  में आने से मौत हो गई है। युवक ने जैसे ही ट्रेन को आता देखा वो भागकर पटरी पर पहुंच गया। ट्रेन उसे टक्कर मारते हुए आगे बढ़ गई। इस घटना में उसकी गर्दन कट गई। उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हादसा कंकरखेड़ा ओवरब्रिज के नीचे रेलवे लाइन पर हुआ है। बताया जा रहा है मृतक कैंसर से पीड़ि था। मौके पर पहुंची जीआरपी ने शव काे पोस्टमार्टम भेज को कहा तो परिजनाें ने पोस्टमार्टन कराने से इंकार कर दिया। 

मालगाड़ी कैंट स्टेशन से मुजफ्फरनगर की ओर जा रही थीघटना शाम 5 बजे की है। जब मालगाड़ी कैंट स्टेशन से निकलकर मुजफ्फरनगर की ओर जा रही थी। जैसे ही मालगाड़ी स्टेशन से निकलकर महज 500 मीटर की दूरी पर पहुंची तो एक व्यक्ति पटरी पर जाकर लेट गया। उसकी गर्दन पटरी पर थी और शरीर दूसरी तरफ। जब तक ड्राइवर ब्रेक लगाता हादसा हो चुका था। व्यक्ति की बॉडी दो टुकड़ों में बंट गई। पटरी के बाहर धड़ और पटरी के अंदर उसकी गर्दन कटकर गिर गई।

पेट में बंधी है पट्‌टी

मालगाड़ी के ड्राइवर ने फौरन आरपीएफ को हादसे की सूचना दी। आरपीएफ ने सदर बाजार थाना पुलिस को बताया। सूचना पर पहुंची थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक के पेट में एक पटटी बंधी है। जिससे लग रहा है कि उसे कोई चोट लगी थी या उसकी सर्जरी हुई थी। वो शायद अस्पताल से भागा फिर उसने जान दे दी है।

ब्लड कैंसर का चल रहा था इलाज

मृतक की जेब में मिले फोन के आधार पर उसकी पहचान राकेश कुमार पुत्र स्वर्गीय बृजलाल निवासी नंगला बट्टू थाना सिविल लाइन के रूप में हुई है। मृतक राकेश लंबे समय से ब्लड कैंसर से पीड़ित था और रोज उसकी ड्रेसिंग होती थी। राकेश का इलाज मेरठ मेडिकल अस्पताल में चल रहा था। बताया जा रहा है कि 10 दिन पहले डॉक्टरों ने राकेश को जबाव दे दिया था। क्योंकि उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी।

10 दिन पहले डॉक्टरों ने दे दिया था जबाव

आज रविवार दोपहर 2 बजे राकेश अचानक लाइट जाने की बात कहकर घर से बाहर निकल आए। पहले अपने दोस्त की पंचर की दुकान पर जाकर बैठ गई। हालांकि रविवार के कारण आज दुकान बंद थी। इसके आधे घंटे बाद बेटे दीपांशु ने बाहर जाकर देखा तो राकेश वहीं पंचर की दुकान पर बैठे थे। घरवालों को लगा कि राकेश थोड़ी देर बाद वापस लौट आएंगे। लेकिन वो नहीं लौटे। काफी देर तक राकेश घर नहीं आए तो घरवाले उनको तलाशने लगे। लेकिन वो नहीं मिले। शाम 5.50 पर घरवालों को राकेश के नंबर से कॉल गया और हादसे की जानकारी दी गई।

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