यूपी में बाढ़ की स्थित हो रही गंभीर  प्रयागराज, वाराणसी में बाढ़ का तांडव

 अभी और बढेगा पानी, सरकार ने जारी किया अलर्ट

लखनऊ। यूपी  में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे अब तक 21 जिलों की 48 तहसीलें इसकी चपेट में आ चुकी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश के बाद प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है। राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें पूरी तरह से सतर्क कर दी गई हैं। प्रदेश के 57 जिलों में एनडीआरएफ की 14, एसडीआरएफ की 15 और पीएसी की 48 टीमें तैनात की गई हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

उपमुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण किया

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'आज मैंने प्रयागराज में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद मैं नाव से भी सर्वेक्षण करूँगा। इस बार बाढ़ 2013 की बाढ़ के स्तर को पार कर रही है। गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जो चिंता का विषय है। सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार की प्राथमिकता है कि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।'

राहत कार्यों के तहत अब तक 493 नावें और मोटरबोट्स जुटीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राहत कार्यों के तहत अब तक 493 नावों और मोटरबोट्स से मदद पहुंचाई जा चुकी है। 6,500 खाद्यान्न पैकेट और 76,000 से अधिक लंच पैकेट बांटे गए हैं। बाढ़ से प्रभावित उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। सरकार राहत कार्यों में पूरी तरह जुटी हुई है, लेकिन अभी भी हजारों लोग मदद का इंतजार कर रहे हैं।

4,000 हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद

बारिश और बाढ़ के कारण अब तक कई हादसे हो चुके हैं। सीतापुर, हरदोई, बलिया, वाराणसी और अमेठी में दीवार गिरने और डूबने की घटनाओं में कई लोगों की जान चली गई है। कुल 343 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 4,000 हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। कई गांवों में पानी भर जाने के कारण लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं।

सरकार ने की बाढ़ राहत शिविरों की स्थापना

रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक आठ लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं, जबकि हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं। प्रभावित जिलों में बाढ़ राहत शिविरों की स्थापना की गई है, जहां हजारों लोग शरण ले चुके हैं। कई इलाकों में गांवों और मोहल्लों का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है।

यूपी के 21 जिले बाढ़ से प्रभावित

राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय प्रदेश के 21 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा, फतेहपुर, भदोही, फर्रुखाबाद, और कासगंज शामिल हैं। सभी प्रभावित जिलों में राहत कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं।


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