डीएम डा. वी के सिंह ट्रैक्टर ट्राली में बैठकर बाढ़ ग्रस्त गांवों में पहुंचे 

 ग्रामीणाे को सहायता मुहैया कराने का दिया आश्वसान 

 मेरठ।  हरिद्वार स्थित भीमगोडा बैराज से बुधवार देर शाम 3 लाख 47 हजार क्यूसेक  पानी छोड़ने के कारण बिजनौर बैराज के सभी गेट खोलना पड़ा जिसके कारण। इसके कारण बाढ़ का पानी हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र में तेजी से फैल रहा है। पानी से  हस्तिनापुर व परीक्षिगतढ़ के गंगा के किनारे स्थित गांव पूरी तरह प्रभावित हो गये हैं। स्थिति का मुआयना करने के लिए  गुरूवार को डीएम डा. वी के सिंह ने प्रशासनिक टीम के साथ हस्तिनापुर क्षेत्र के बाढ‍़ग्रस्त इलाकों को दौरा करते हुए वहां की स्थित को जाना। इस दौरान डीएम बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र लगाए गये मेडिकल कैंप का निरीक्षण करते दिशा निर्देश दिए। 

बाढ़ का पानी गांव व खेत खलिहान में घुस गया है। सिरजेपुर, भीकुंड, मानपुर, शहजादपुर, ललितपुर, फतेहपुर प्रेम, शेरपुर, गावड़ी और हंसापुर सहित दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घरों और खेतों में घुस चुका है। ग्रामीणों के लिए हालात दिन-प्रतिदिन मुश्किल होते जा रहे हैं।खादर के ग्रामीण अपने पशुओं को सिर पर बोरे रखकर या ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर सुरक्षित स्थानों की ओर ले जा रहे हैं। 

 गुरूवार को डीएम डा. वी के सिंह एडीएम वित्त एवं राजस्व सूर्यकांत त्रिपाठी, एसडीएम संतोष कुमार सिंह, तहसीलदार निरंकार सिंह, सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता भारतेंदु गौड़, अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार, एसडीओ ब्रजकिशोर सिंह आदि ने हस्तिनापुर-चांदपुर मार्ग व फतेहपुर प्रेम पहुंचकर वहां  तटबंध की स्थिति देखी। इस दौरान उन्होंने वहां के ग्रामीणाें से बात कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए ।लोगों ने सुरक्षित स्थान पहुंचाने को कहा।  गांव के ग्रामीणों ने कहा कि  गांव के लोगों ने अपने मवेशियों को भी लेकर ऊंचे स्थान की जा रहे हैं।

सिरजेपुर के बृजपाल सिंह राठौर कला के प्रदीप मान कुंहेड़ा के बलदेव सिंह भीकुंड के ब्रिजेश आदि का कहना था  कि अब उनकी बर्बादी तय है। क्योंकि अब गंगा के पानी का प्रवाह गांव की ओर हो जाएगा और और स्थिति भयंकर हो जाएगी इस पानी आने के बाद गांव के अंदर भी कई के पानी इससे लोगों को तमाम परेशानियां पैदा होंगी।किसानों का कहना था  कि सबसे अधिक परेशानी तो उन्हें पशुओं के चारे की है। बाढ़ में पशुओं को संभालना भी मुश्किल रहा है। जिस पर मौके पर मौजूद अधिकारियों से डीएम ने बाढ़ की चपेट में आए गांवों के ग्रामीणों से चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।  इस दौरान डीएम ने बाढ़ग्रस्त गांवों में मेडिकल कैंप का निरीक्षण करते हुए चिकित्सकों से बात करते हुए कहा कि हर हाल में कैंंप में आने वाले ग्रामीणों को परेशानी का सामना न करने पड़े । अति गंभीर बीमार मरीजों को सीएचसी व हायर सैंटर पहुंचाया जाए। उन्होंने चिकित्सकों से कहा के एंबूलेंस की व्यवस्था दुरूस्त रहनी चाहिए। 

 बतादें  बिजनौर बैराज से पीछे से आने वालों पानी को छोड़ने से  हस्तिनापुर क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। हस्तिनापुर-चांदपुर स्टेट हाईवे पानी के दबाव से क्षतिग्रस्त हो रहा है जिससे आवागमन बंद हो गया है। दर्जनों गांवों के संपर्क मार्ग पानी में डूब गए हैं जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। ग्रामीण सुरक्षित स्थानों को जा रहे हैं। गांव खेड़ा मुजादपुर गांव के सामने तटबंध टूटने पेरशानी और बढ़ गई है। गुरूवार को हस्तिनापुर (मेरठ)। गंगा का जलस्तर में तो कमी आई है, परंतु खादर क्षेत्र की स्थिति भयावह हो गई है।  चांदपुर मार्ग पर कई-कई फीट पानी चल रहा है। हस्तिनापुर-चांदपुर स्टेट हाईवे क्षतिग्रस्त हो रहा है, जिससे आवागमन बंद कर दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारी खादर क्षेत्र में कैंप किए हुए हैं तथा कंट्रोल स्थापित किया गया है। 

एडीएम ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा कि जहां तटबंध कमजोर दिखें, तत्काल दुरुस्त कराएं। उन्होंने स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा, पुलिस आदि विभागों को अलर्ट रहने को कहा है। एडीएम ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि प्रशासन उनकी सहायता के लिए तत्पर है। उन्होंने ग्रामीणों के मोबाइल नंबर भी लिए।




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