प्राथमिक विद्यालयों के विलय सरकार का वापस लेने का फैसला गरीब एवं ग्रामीण छात्रों के लिए एतिहासिक - सुनील भराला
मेरठ। प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों के प्रस्तावित विलय के निर्णय को वापस लेने की घोषणा पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री एवं राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संस्थापक सुनील भराला ने गहरी संतोष और हर्ष व्यक्त किया है।
सर्किट हाऊस में मीडिया को जानकारी देते हुए सुनील भराला ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में लिया गया यह निर्णय न केवल ग्रामीण भारत के भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग झुग्गी झोपड़ी बस्ती मलिन श्रमिक में रहने वाले परिवारों को को भी मुख्यधारा से जोड़ने का माध्यम बनेगा। उन्होंने इसे एक जनता-जनार्दन के हित में लिया गया ऐतिहासिक और दूरदर्शी निर्णय बताया।
श्री भराला ने सरकार के इस संवेदनशील निर्णय का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्रीअमित शाह, भा.ज.पा. अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का भी आभार प्रकट किया है, जिन्होंने हमेशा "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" के मंत्र को आगे बढ़ाया है। वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेताओं के द्वारा प्राइमरी विद्यालयों के विषय को लेकर बड़ा मुद्दा बनाने का सपना सजा रहे थे उनके सपने को भी योगी सरकार ने चकनाचूर कर दिया हमारी सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों को लेकर अधिकारी एवं कर्मचारियों के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा पर ज़ोर दिया जाएगा जिन विद्यालयों में शिक्षार्थी कम है जनजागरण करके विद्यार्थियों की संख्या बढ़ायी जाएगी ।
माले गांव विस्फोट पर कोर्ट का फैसला विपक्ष पर तमाचा
मालेगाँव पर बोलते हुए तात्कालिक यू पी ए सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा मालेगांव के बम ब्लास्ट में भगवा हिन्दू को बदनाम करने की साजिश से हिन्दू आतंकवाद का नया शब्द मड़ करके हिन्दुओ को बदनाम करने की साजिश की गयी थी । न्याय की न्यायलय ने हमारी संत साध्वी वरिष्ठ नेत्री ठाकुर प्रज्ञा सहित सभी को दोषमुक्त कर देना ये तात्कालिक यूपीए सरकार पर बड़ा तमाचा हैं हिंदू कभी आतंकवादी हो नहीं सकता और भगवा आतंकवाद फैला नहीं सकता फिर लम्बे समय तक साध्वी ठाकुर देश भक्त ने झूठी यातनाएं झेली, हमारी सरकार के लिए भी चुनौती है कि इस बम धमाके में दोषियों को खोजने का काम करेगी।
बता दें लगभग 29,000 प्राथमिक विद्यालयों के विलय से 5 लाख छात्र-छात्राएं और 50 हजार से अधिक शिक्षकीय स्टाफ प्रभावित होने की आशंका थी। इस पर गहन चिंता व्यक्त करते हुए श्री भराला ने पूर्व में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखकर मांग की थी कि इन विद्यालयों को बंद करने के बजाय इनके संसाधनों और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार कर इन्हें और सशक्त बनाया जाए।
जिलाध्यक्ष विवेक रस्तोगी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सुनील भराला पूर्व राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री को पत्र देकर प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा और वातावरण में सुधार किया जाएगा इस गुणवत्ता पर कार्य होगा मुख्यमंत्री मंत्री ने पत्र पर संज्ञान लिया जो कि एतिहासिक साबित हुआ।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष विवेक रस्तोगी, मीडिया प्रभारी अलोक सिसोदिया, पूर्व विधायक हरपल सैनी, नमन भारद्वाज, राजकुमार कौशिक, पूर्व पार्षद अनिल शर्मा , सपना अग्रवाल प्रदीप चौधुरी , हरिओम , मनीष यादव , राजेश शर्मा आदि उपस्थित रहे ।
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