यूपी में तीन गुना अधिक कृषि उत्पादन करने की क्षमताः सीएम योगी

 सम्मान समारोह में कृषि वैज्ञानिकों को किया सम्मानित
लखनऊ (एजेंसी)।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज भी यूपी में सर्वाधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र कृषि है। लगभग तीन करोड़ किसान कृषि पर निर्भर करते हैं। इसके बाद सर्वाधिक रोजगार एमएसएमई दे रहा है। इसके माध्यम से 1.65 करोड़ लोग रोजगार प्राप्त करते हैं। सीएम ने कहा कि कृषि पलायन का नहीं, बल्कि खुशहाली का माध्यम बने। यह तभी संभव है, जब इस क्षेत्र में किए जाने वाले अनुसंधान का लाभ किसानों को दे पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने उप्र कृषि अनुसंधान परिषद के 36वें स्थापना दिवस में शिरकत की। सीएम ने प्रदर्शनी का अवलोकन और पुस्तिकाओं-न्यूज लेटर का विमोचन किया। सीएम ने कृषि वैज्ञानिकों, युवा प्रतिभाओं, एफपीओ आदि का सम्मान भी किया। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि कृषि व कृषि अनुसंधान की दृष्टि से यूपी प्रकृति व परमात्मा की कृपा वाला प्रदेश है। हमारे पास विस्तृत और उर्वरा कृषि भूमि, पर्याप्त जल संसाधन है। दुनिया में यूपी एकमात्र ऐसा राज्य होगा, जिसका 86 फीसदी से अधिक भूभाग सिंचित है। यहां केंद्र व राज्य सरकार के कृषि विश्वविद्यालयों का बेहतरीन संजाल है। यूपी सरकार पहले से चार कृषि विवि संचालित कर रही है। पांचवां विवि भी स्थापित हो रहा है। केंद्र सरकार द्वारा भी प्रदेश में पहले से ही कृषि विवि संचालित हो रहे हैं और कृषि अनुसंधान के लिए 15 से अधिक संस्थान कार्यरत हैं। 89 कृषि विज्ञान केंद्र भी अपनी विशेषज्ञता का लाभ किसानों को प्रदान करते हैं। इसके बावजूद किसानों की स्थिति चौंकाने वाले तथ्य प्रस्तुत करती है। प्रदेश के बमुश्किल 25 से 30 फीसदी किसान ही ऐसे हैं, जो वैज्ञानिक शोध व अनुसंधान के कार्यों को प्रभावी ढंग से खेती में लागू कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश की आबादी का 16 फीसदी हिस्सा यूपी में निवास करता है। देश के कृषि योग्य कुल भूमि का केवल 11 फीसदी यूपी में है। इस भूमि पर देश का 20 फीसदी से अधिक खाद्यान्न उत्पादन हो रहा है। हालांकि यूपी की भूमि के समतलीकरण, उर्वरता, जल संसाधन को देखते हुए इससे तीन गुना अधिक उत्पादन लिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कृषि शोध, विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना होगा। सीएम ने कहा कि वही देश विकसित हुए हैं, जिन्होंने अधिकाधिक शोध और विकास पर ध्यान दिया। उनका क्षेत्र अलग हो सकता है। जिसने जिस क्षेत्र में कार्य किया, वह वहां आगे बढ़ा।  

सीएम ने कहा कि यूपी के पास देश ही नहीं, दुनिया का पेट भरने का भी सामर्थ्य है। कृषि, हॉर्टिकल्चर, सब्जी के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं। यहां के क्लाइमेटिक जोन के अनुरूप अनुसंधान और प्रकृति-पर्यावरण के अनुरूप शोध को बढ़ाने के लिए और गति दिए जाने की आवश्यकता है। सीएम ने कहा कि आपके द्वारा किए गए शोध व विकास के कार्यक्रमों की गति देश व प्रदेश की प्रगति में निर्णायक भूमिका का निर्वहन कर सकती है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2047 में जब भारत 30 ट्रिलियन डॉलर की इकॉमनी होगा तो यूपी कहां होगा, उसकी प्रति व्यक्ति आय क्या होगी। कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारी क्या स्थिति होनी है। इस पर यूपी ने व्यापक कार्ययोजना बनाई है। हम विजन 2047 की कार्ययोजना के साथ तो आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन हमारे पास शॉर्ट टर्म भी होना चाहिए कि हमें दो वर्ष में क्या अचीव करना है।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह,  कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख,  गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, प्रमुख सचिव रविंद्र, उप्र कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह, अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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