रेल रोकने के आरोप में सांसद राजेंद्र अग्रवाल दोषमुक्त

2012 में सिटी स्टेशन पर रोकी गई थी रेल

मेरठ। मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल को रेल रोकने के मामले में दोषमुक्त कर दिया गया है। बृहस्पतिवार को मेरठ में न्यायालय अपर अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए चंद्रशेखर मिश्र ने रेल रोकने के आरोप में पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल दोषमुक्त किया।

सांसद राजेंद्र अग्रवाल के अधिवक्ता मनमोहन विग व ब्रजभूषण गर्ग ने बताया कि भाजपा के सांसद राजेंद्र अग्रवाल पर वर्ष 2012 में सिटी स्टेशन पर रेल रोकने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें वादी मुकदमा राकेश कुमार यादव ने दिनांक 17 सिंतबर 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वह सिटी स्टेशन पर इंस्पेक्टर के रूप में तैनात था। जिसे वहाँ पर मौजूद कर्मियों से सूचना मिली कि रेल को दैनिक यात्रियों द्वारा रोका जा रहा है। जिसके बाद वादी मुकदमा स्टेशन पर पहुंचा और देखा तो वहां पर रेल रुकी हुई थी।

100 लोगों ने 22 मिनट रोकी थी रेल

रेल के सामने आरोपी अपने कुछ आदमियों के साथ सामने आ गए और इंजन पर चढ़कर रेल रोक दी। लगभग 100 व्यक्ति थे जिन्होंने 22 मिनट तक रेल रोक दी थी।गाड़ी में डब्बा कम होने के कारण यह लोग रेल विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।इस मामले में दिनांक 29 फरवरी 2024 को पूर्व सांसद को अवर न्यायालय एसीजेएम कोर्ट संख्या 1 मेरठ द्वारा न्यायालय में कुछ देर की कस्टडी और 2 हजार रुपये के जुर्माने की सजा की गई थी।जिसके बाद सांसद द्वारा इस निर्णय को चुनौती देते हुए जिला जज मेरठ की अदालत में अपील की थी।

झूठा फंसाया गया था कहा था

न्यायालय में आरोपी सांसद के खिलाफ आठ गवाह पेश हुए थे ।न्यायालय में उनके अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि मुकदमे में उन्हें झूठ फसाया जा रहा है। और उनके निर्दोष होने के साक्ष्य न्यायालय पेश किया पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी संसद को दोष मुक्त कर दिया।

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