मेरठ एसटीएफ ने फर्जी इ-वे बिल तैयार कर जीएसटी चोरी करने वाले पांच को पकड़ा 

फर्जी फर्म बना कर करते खेल , सौ से अधिक बना डाली फर्म 

 एसटीएफ ने कर्नाटक से दबोचा, 248 करोड़ के फर्जी बिल बना कर  की धोखाधडी 

मेरठ। मेरठ एसटीफ को उस समय बडी सफलता मिली जब उसे फर्जी ई-वे बिल के माध्यम से जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी को मेरठ एसटीएफ ने कर्नाटक से पकड़ा है। पकडे़ गये सभी अभियुक्त राजस्थान के है।एसटीएफ पकड़े गये अभियुक्तों से पूछताछ करने में जुटी है। 

अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह एसटीएफ ने बताया फर्जी आईडी पर 100 से अधिक फर्मों की नकली इन वॉईस / ई-वे बिल तैयार कर जीएसटी चोरी कर सरकार को करोड़ों रूपये का नुकसान पहुँचाने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के 5 सदस्य बैंगलोर (कनार्टक) से गिरफ्तार किए गए।  पूछताछ में जिन्होंने अपने नाम रतना राम पुत्र कालूराम, ओमप्रकाश पुत्र मूलाराम, हनुमान राम पुत्र मूला राम, बुद्धराम पुत्र भागीरथ, सन्तोष कुमार पुत्र भागीरथ निवासीगण गोलिया गरवा थाना आजीटी नगर जिला बाडमेर राजस्थान बताया।

 उन्होंने बताया कि अश्वनी कुमार पुत्र अशोक कुमार ग्राम-वडसू थाना खतौली जनपद मुजफ्फरनगर ने मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि कुछ व्यक्तियों द्वारा नौकरी लगाने के नाम पर व्हाटसप के जरीए उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली का बिल आदि प्रमाण-पत्र ले लिए। उसके नाम पर एक फर्जी फर्म एके ट्रेडर्स रजि. कराकर लगभग 248 करोड़ के फर्जी बिल बनाकर धोखाधड़ी कर ली। लगभग 45 करोड़ की जीएसटी चोरी की गई। पीड़ित थाना साईबर काईम जनपद मुजफ्फरनगर में तहरीर दी थी। जिसकी विवेचना अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था, उप्र लखनऊ द्वारा एसटीएफ, उप्र लखनऊ को स्थानान्तरित की गई, जिसका पर्यवेक्षण उनकी टीम द्वारा किया गया।

राजस्था के हैं पांचों आरोपी

विवेचना के दौरान सामने आया कि सम्बन्धित फर्जी कम्पनी बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य बैंगलौर, कर्नाटक में रहकर कार्य कर रहे है। इस पर एसटीएफ की टीम को बैंगलौर कनार्टक के लिए रवाना किया गया। वहां पर एसटीएफ टीम द्वारा स्थानीय पुलिस को साथ लेकर कैपेगोडा नगर, तूंगनगर, थाना वायदराहल्ली जनपद बैगलौर सिटी, कर्नाटक से5 सदस्यों को गिरफतार किया गया।

पकड़े गए आरोपी आपस में रिश्तेदार

संयुक्त रूप से की गई पूछताछ पर बताया कि वह सभी लोग राजस्थान के रहने वाले हैं तथा एक दूसरे के आपस में परिचित / रिश्तेदार हैं। यहां किराए के मकान में रह रहे हैं। यह लोग अपने परिचित लाभूराम व सुरेश जो कि जनता के सीधे सादे लोगों से नौकरी लगवाने आदि का लालच देकर उनसे उनके आधार कार्ड, पैनकार्ड आदि लेकर व किसी फर्जी आईडी पर सिम निकलवाकर उनके नाम पर जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाईन फर्जी फर्म रजिस्टर्ड करते हैं और इसका इस्तेमाल फर्जी ई-वे बिल बनाकर लाखों करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी करते हैं।


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