विशेष डिवाईस बताएगी किसान की फसल मेें कौन सा रोग लगा है
नव निर्मित कृषि तकनीक नवाचार केंद्र की स्थापना से होगा किसानों को लाभ - कुलपति प्रोफेसर के के सिंह
कल केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मंत्री जयंत चौधरी एवं उत्तर प्रदेश की सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही करेंगे लोकार्पण
मेरठ। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपण पंजाब के सहयोग से सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में तकनीक महाविद्यालय के अंतर्गत एक लैब में एक आई सेंटर स्थापित किया जा रहा है यहां पर बनाई जाने वाली विशेष डिवाइस किसानों को बताएगी कि उनकी फसल में कौन सा रोग लगा है इसका इलाज कैसे कीटनाशक से हो सकता है फसल में कब और कितने पानी और खाद की आवश्यकता पड़ेगी फसल का उत्पादन कितना बढ़ेगा साथ ही लागत भी कम हो सकेगी ।
सोमवार को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में कुलपति डॉक्टर के के सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपण पंजाब के सहयोग से सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में तकनीक महाविद्यालय के अंतर्गत एक लैब में एक आई सेंटर स्थापित किया जा रहा है यहां पर बनाई जाने वाली विशेष डिवाइस किसानों को बताएगी कि उनकी फसल में कौन सा रोग लगा है इसका इलाज कैसे कीटनाशक से हो सकता है फसल में कब और कितने पानी और खाद की आवश्यकता पड़ेगी फसल का उत्पादन कितना बढ़ेगा साथ ही लागत भी कम हो सकेगी इन सब तकनीक के लिए किसानो के नवाचार की जानकारी दी जाएगी और उनका समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा जिससे वह लाभान्वित हो सकेंगे
कुलपति डॉक्टर के के सिंह ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय मैं आई सेंटर बनकर तैयार हो चुका है और इसका लोकार्पण 8 जुलाई को किया जाएगा उन्होंने बताया कि यह सेंटर आईआईटी रोपण पंजाब और कृषि विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से खोला है पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों को इससे लाभ मिलेगा और इससे जो नवयुवक हैं वह प्रशिक्षण लेकर अपना स्टार्टअप स्टार्ट कर सकेंगे कुलपति डॉ केके सिंह ने बताया कि जब गेहूं गाना धान आलू डालें सरसों आदि फसलों में बीमारी आती है तो यह बिना किसी की सलाह लिए ही कीटनाशक और अन्य दवाइयां का प्रयोग करते हैं आधा ढूंढ खाद का प्रयोग किया जाता है विश्वविद्यालय में एग्रीटेक इन्नोवेशन हब के नाम से खोले जा रहे आई सेंटर में बनने वाली अलग-अलग डिवाइस बताएंगे की फसल में कब व कितनी ऊंचाई तक पानी देना है खाद व कीटनाशक डालने व बीमारी बताने के लिए अलग-अलग डिवाइस तैयार की जाएगी इस आई सेंटर में किसानों और नवयुवकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा यहां पर एक साथ 20 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है एक दिन में कई बैच चलाई जाने की व्यवस्था की जा रही है आई सेंटर में किसानों के लिए रिसर्च करके अप तैयार किए जाएंगे जब अप तैयार हो जाएंगे तो वह डिवाइस की तरह किस को जानकारी देंगे और कब उन्हें खाद डालना है और कब कीटनाशक प्रयोग करना है इसकी पूर्ण जानकारी समय से उपलब्ध हो सकेगी इस केंद्र द्वारा जो डिवाइस विकसित की जा रही है उस खेत को मिट्टी की ताकत जचने के लिए भी डिवाइस तैयार की जाएगी ताकि किसान को पता हो कि कब उसे देसी खाद डालना है और कब यूरिया का इस्तेमाल करना है उन्होंने बताया कि इस केंद्र का उद्घाटन कल केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मंत्री जयंत चौधरी एवं उत्तर प्रदेश की सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की उपस्थिति में लोकार्पण किया जाएगा
इस अवसर पर प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया जाएगा इस कार्यक्रम में स्वागत निदेशक ट्रेंनिंग प्लेसमेंट डॉ आर एस सेंगर एवं धनबाद प्रस्ताव अधिष्ठाता टेक्नोलॉजी प्रोफेसर जयवीर सिंह द्वारा किया गया इस अवसर पर निदेशक प्रसार डॉ पीके सिंह तथा तकनीक महाविद्यालय के इस केंद्र के कोऑर्डिनेटर डॉ पुष्पेंद्र कुमार सिंह भी मौजूद रहे ।
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