कांवड़ियों ने दिया हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश
मुस्लिम युवक ने 3 लाख की कांवड़ उठाई, ब्रह्मोस मिसाइल के थीम पर बनाई कांवड़ में भरा जल
मेरठ। देश भक्ति व साम्प्रदाियक एकता की झलक कांवड़ मार्ग पर दिखाई दे रही है। नेशनल हाईवे 58 पर शिव की भक्ति में लीन कावड़ियों का रैला लगा हैं। जिनमें से कुछ कांवड़ और कांवड़िया तो बहुत अनोखे दिख रहे है। हाइवे से निकल रही कांवड़ की लोग सहाहना करते नहीं थक रहे है।
दिल्ली के रहने वाले मुस्लिम युवक अरमान ने अपने दोस्त सागर और अरमान के साथ 3 लाख की कांवड़ उठाई। अरमान और उनके दोस्तों ने हिन्दू मुस्लिम एकता का संदेश देते हुए कहा - भाईचारा ऑन टॉप। अरमान ने बताया कि हिंदू- मुस्लिम केवल राजनीतिक पार्टियों द्वारा फैलाया गया एजेंडा है। अरमान ने बताया कि उनकी कांवड़ साइज में बहुत बड़ी हो गई थी, जिसकी वजह से प्रशासन ने उनकी कांवड़ के कुछ हिस्सों को हटवा दिया था।
4 साल के कवच ने अपने भाई के साथ उठाई कांवड़
नन्हे शिव भक्त कवच और विराज छोटी सी उम्र में नाना को देखकर उत्साह में कांवड़ लेकर निकल पड़े। कवच 4 साल का है और विराज 9 साल का है यह दोनों भाई है। बड़े भाई कवच ने कहा कि भोले बाबा ने बुलाया इसलिए हम कांवड़ लेकर आए।विराज दिल्ली के रहने वाले हैं। विराज और कवच अपने मामा और नाना के साथ कांवड़ लेकर आए हैं। विराज के मामा ने कहा कि अपने नाना को कांवड़ लाता देखकर ये दोनो भाई कांवड़ लाए है।
सागर की भारत दर्शन वाली कांवड़
पूरा भारत दर्शन करने के बाद सागर कावड़ लेकर निकले। सागर मुरादनगर के रहने वाले हैं और उनकी कांंवड़ बहुत ही अलग दिखाई दी क्योंकि उन्होंने अपनी कांवड़ में उन जगहों की तस्वीर लगाई थी जहां पर वो यात्रा कर चुके हैं। मात्र 21 साल की उम्र में सागर ने पूरे भारत की यात्रा कर चुके हैं। जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम, 5 कैलाश, श्री खंड कैलाश शामिल हैं। सागर 17 साल की उम्र से यात्रा कर रहे हैं और हर महीने यात्रा करने जाते हैं।
ब्रह्मोस मिसाइल वाली कांवड़ में जल भरकर लाए कांवड़ियां
ब्रह्मोस मिसाइल के थीम पर दिल्ली पालमपुर के रहने वाले मनीष भोला और उनके ग्रुप के 15 लड़कों ने कांवड़ बनाई है। मनीष ने बताया कि उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल कांवड़ पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजली देने के लिए बनाई है।साथ ही उनकी कांवड़ मे आपरेशन सिंदूर के पोस्टर भी लगे दिखे। ब्रह्मोस मिसाइल वाली इस कांवड़ में जल भरा हुआ है और बाद में वापस ले जाकर कांवड़ को मंदिर में रख दिया जाएगा ।
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