अनिरुद्धाचार्य के बयान पर महिला आयोग ने लिया संज्ञान, मथुरा डीएम को लिखा पत्र

लखनऊ। कथावाचक स्वामी अनिरुद्धाचार्य द्वारा बेटियों को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग की अध्यक्ष बबिता सिंह चौहान ने मथुरा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की गंभीरता से जांच करने और कार्रवाई से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

बबिता चौहान ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य द्वारा की गई टिप्पणी घोर आपत्तिजनक और निंदनीय है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इससे ज्यादा भद्दी और घटिया भाषा का प्रयोग कोई नहीं कर सकता। व्यास गद्दी पर बैठकर इस तरह की बातें करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इन्हें कम उम्र में जो शोहरत मिली है, वह शायद इन्हें संभालनी नहीं आई। मैं तो यही कहूंगी, विनाश काले विपरीत बुद्धि।”

महिला आयोग की अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि सिर्फ माफी मांग लेना इस प्रकार की मानसिकता का समाधान नहीं है। उन्होंने जिलाधिकारी मथुरा को लिखे पत्र में इस प्रकरण को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करने और आयोग को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।

 बता दें  कुछ दिन पहले मथुरा के वृंदावन स्थित गौरी गोपाल आश्रम में कथा के दौरान स्वामी अनिरुद्धाचार्य ने कथित तौर पर कहा था कि “25 वर्ष की अविवाहित लड़कियों का चरित्र ठीक नहीं होता। उनकी शादी 14 वर्ष की उम्र में ही कर देनी चाहिए ताकि वे परिवार में घुल मिल सकें।” उनके इस बयान से महिला संगठनों और आम लोगों में भारी रोष देखने को मिला है। देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसके बाद कथावाचक को माफी मांगनी पड़ी।

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