'एक देश एक चुनाव से नहीं होगा संविधान का उल्लंघन'
संसदीय समिति को पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने दिया सुझाव
नई दिल्ली (एजेंसी)।भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों (सीजेआई) ने एक देश एक चुनाव मसौदे को लेकर संसदीय समिति को सुझाव दिए हैं। पूर्व सीजेआई ने समिति को बताया है कि एक देश एक चुनाव से संविधान का उल्लंघन नहीं होगा। दोनों न्यायाधीशों ने प्रस्तावित कानून में चुनाव आयोग को दी गई शक्तियों पर सवाल उठाए हैं।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को एक देश एक चुनाव विधेयक की जांच कर रही संसदीय समिति से बात की। सूत्रों ने बताया कि संसदीय समिति की आठवीं बैठक में दोनों न्यायविदों ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करती है। उन्होंने देश में लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कुछ सुझाव भी दिए हैं।
भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त समिति विधेयक पर अपनी सिफारिश तैयार करने के लिए न्यायविदों और कानूनी विशेषज्ञों से बात कर रही है। पूर्व मुख्य न्यायाधीशों यू. यू. ललित और रंजन गोगोई ने क्रमशः फरवरी और मार्च में समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपने विचार रखे थे। दोनों ने एक साथ चुनाव कराने की संवैधानिकता पर सवाल नहीं उठाया था, लेकिन उन्होंने विधेयक के कुछ पहलुओं पर सवाल उठाए और सुझाव दिए थे।
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