पुलिस ने ऊंचाई का हवाला देकर जुलूस रोका, देर रात रवाना

मेरठ। रविवार रात पुलिस के ताजिए रोकने पर विवाद हो गया। दरअसल, जुलूस में शामिल कुछ ताजिए की ऊंचाई अधिक बताई जा रही थी। कुछ देर में मामला इतना गरमाया कि लोगों ने पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगा इस साल ताजिए निकालने से इंकार कर दिया। आननफानन में एसपी सिटी मौके पर पहुंचे और बात की। काफी देर गहमागहमी होती रही। इस बीच ताजिए निकाल रहे लोगों ने बैठक भी बुला ली, जिसके बाद देर रात ऊंचे ताजिए को रोक अन्य को रवाना करने का फैसला किया गया। जब तक ताजिए रवाना नहीं हो गए एसपी सिटी थाने में डटे रहे।

क्यों हुआ विवाद

प्रशासन ने मोहर्रम के जुलूस में शामिल होने वाले ताजिए की ऊंचाई 10 फीट निर्धारित की थी। लालकुर्ती में 100 साल पुरानी परंपरा चली आ रही है, जिसके तहत रविवार शाम ताजिए निकाले जा रहे थे। फव्वारा चौक के निकट ताजिए जुटने लगे। तभी कुछ ताजिए की ऊंचाई को लेकर गहमागहमी शुरु हो गई। यहां कई ताजिए 12 से 16 फीट ऊंचाई के थे। पुलिस ने ऊंचाई अधिक होने का हवाला देकर जुलूस रोक दिया। इसके बाद लोग इकट्‌ठा होते चले गए।

यह बनाया गया था नियम

लालकुर्ती में करीब सात से आठ स्थानों से ताजिए निकलते हैं। हर ताजिए के खलीफा बनाए जाते हैं जिनकी देखरेख में ताजिए इलाकों में घूमते हैं और कर्बला पहुंचकर परंपरा के अनुसार कुछ हिस्सा दफना दिया जाता है। दूर दूर से लोग इसमें शामिल होने आते हैं। पुलिस ने घूम घूमकर सभी को अवगत करा दिया कि 10 फीट से ऊंचे ताजिए तैयार ना करें। जिस पर कमेटियों की मौन सहमति भी मिल गई।

इस तरह तोड़ा गया नियम

लालकुर्ती में सुबह से ही मुहर्रम के जुलूस की तैयारी थी। शाम होते ही सभी अपने ताजिए के साथ पहुंचने लगे। इसी दौरान पहले ताजिए की ऊंचाई पर पुलिस ने आपत्ति कर दी जो करीब 16 फीट ऊंचा बताया जा रहा था। पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देकर उसे रोक दिया और विवाद बढ़ गया।

पुलिस पर ज्यादती का आरोप

जुलूस रोकने जाने को लेकर लोग खासा नाराज दिखे। उन्होंने पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगा दिया। लोगों का कहना था कि उनके ताजिए वर्षों से इसी ऊंचाई के बनाए जा रहे हैं और यह उनकी धार्मिक परम्परा का हिस्सा हैं। वह इसमें बदलाव नहीं कर सकते।

पुलिस बोली, ऊंचे ताजिए से हादसे का खतरा

सीओ कैंट संतोष कुमार सिंह का कहना था कि ताजिए निकालने वाले लोगों की जान की हिफाजत को देखते हुए ऊंचाई निर्धारित की गई थी। पुलिस लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है लेकिन उन्हें कानून व्यवस्था का भी पालन कराना है। ऊंचे ताजिए यातायात बाधित कर लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।

एसपी सिटी भी समझाने के लिए पहुंचे

जुलूस रुकते ही अफवाहों का दौर शुरु हो गया। आननफानन में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह लालकुर्ती पहुंच गए। तब तक युवा सेवा समिति से बदर अली भी आ चुके थे। लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे। एसपी ने अलीगढ़ के हादसे का हवाला दिया तो कुछ लोग सहमति जताने लगे। जुलूस को रोककर बैठक बुलाई गई, जिसमें सहमति के बाद ताजिए रवाना हुए।

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि ताजिए की ऊंचाई अधिक रहेगी तो हादसे का खतरा बना रहेगा। एक दिन पहले नियम बताने के बावजूद ताजिए ऊंचे बना दिए गए, जिस कारण पुलिस ने उन्हें रोका। कमेटी के सहयोग के बाद देर रात जुलूस रवाना हो गए। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस के साथ विद्युत विभाग के लाइनमैन भी रहे।

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