तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. हरपाल सिंह गिरफ्तार 

बीती आधी रात को सिविल लाइन पुलिस ने घर से बुलाकर किया गिरफ्तार 

बोले डा. हरपाल षड़यत्र के साथ उन्हें फंसाने का किया जा रहा प्रयास 

 मेरठ। परतापुर स्थित नगर निगम से संचालित कान्हा उपवन में गोवंश की मौत के मामले में दोषी पाए गये तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी व नगर पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी को बीती आधी रात को घर से बुलाकर गिरफ्तार कर लिया गया। सिविल लाइन थाने में बंद पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने अपना बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें षड़यंत्र के तहत फंसाया गया था। गंभीर अवस्था में पशुओं को गोवंश को लाया  गया था उपचार के दौरान की मौत हुई है। वही इस मामले मेयर व नगरायुक्त कोई भी बयान देने से बच रहे है। 

  बता दें परतापुर स्थित कान्हा उपवन में मृत पशुृओं को एक वीडियो  वायरल हुुआ था। जिसमें कान्हा उपवन में मृत पशुओं को दिखाया था। इस मामले में प्रभारी मंत्री धर्मपाल ने कान्हा उप वन का निरीक्षण किया था। जिस पर वहां पर पशुओं की हालत व रिकार्ड न मिलने पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी व पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा हरपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था। 

इस आधार पर कमिश्नर डा.ह्रषिकेश भाष्कर यशोद ने शासन से डा.हरपाल सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की । प्रमुख सचिव नगर विकास को भेजी रिपोर्ट में कमिश्नर ने कहा कि नगर निगम से संचालित कान्हा उपवन गोशाला में गोवंश की मृत्यु के वीडियो वायरल मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। वीडियो वायरल की डीएम के निर्देश पर एडीएम सिटी और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की दो सदस्यीय टीम ने जांच की तो पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा.हरपाल सिंह को दायित्वों का निर्वहन न किए जाने का दोषी पाया गया।

इस जांच रिपोर्ट के आधार पर नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने अपर नगर आयुक्त लवी त्रिपाठी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया। समिति ने प्रभारी गोशाला व पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा.हरपाल सिंह को दायित्वों का निर्वहन न किए जाने का दोषी पाया गया। इस आधार पर नगर आयुक्त ने डा.हरपाल सिंह पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की। नगर आयुक्त के रिपोर्ट का हवाला देते हुए कमिश्नर ने प्रमुख सचिव नगर विकास से डा. हरपाल सिंह के खिलाफ तत्काल विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की ।  शनिवार को ही कमिश्नर ने कान्हा उपवन गोशाला में गोवंश की मौत के मामले में लापरवाही पर प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा.हरपाल सिंह को हटाने का आदेश जारी किया था। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा.गजेन्द्र सिंह की सेवा भी सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दी गई थी। नगर स्वास्थ्य अधिकारी की सीएचसी परीक्षितगढ में एमओआईसी के पद पर तैनात डा अमर सिंह को जब तक कोई अधिकारी नहीं आता तब तक नगर स्वास्थ्य अधिकारी प्रभार संभालने की जिम्मेदारी दी गयी थी।

 बोले पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी  

सिविल लाइन थाने में हिरासत में  डा हरपाल सिंह ने बताया गत दस जुलाई को पांच गंभीर अवस्था में पशुओं को गऊशाला में पशुओं को लाया गया था। परतापुर के पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा उपचार किया। उपचार के दौरान गोवंश की मौत हो गयी।  जिस समय बीमार पशुओं को उपचार किया जा रहा था। उस समय वह वहां पर नहीं थे। उन्हें षडृयत्र के तहत फंसाया जा रहा है। बाकी आगे की जो जांच होगी देखा जाएगा।  

  डीएम ने नगरायुक्त के पाले में डाली गेंद 

  जब इस मामले में नगरायुक्त से बात करने करने का प्रयास किया तो वह बिलकुल शांत रहे। इसके बाद मेयर से बात करने का प्रयास किया तो उनका कहना था उन्हें अभी मामले की जानकारी नहीं है। अभी  मै कुछ नहीं कह सकता हू । वही इस बारे में डीएम डा. वी के सिंह से बात करने का प्रयास किया तो उनका कहना था इस बारे में नगरायुक्त ही सही जानकारी दे सकते है। 

 कोर्ट में पेश कर भेजा जेल 

 हिरासत में लिए गये तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा हरपाल सिंह का दोपहर बाद जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच सीजेएम की कोर्ट में  पेश किया गया। जहां से उन्हें पुलिस ने जेल भेज दिया। 

दो आउटसोर्सिंग एजेंसियों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर

 कान्हा उपवन गोशाला में गोवंशों की देखभाल में सामने आई गंभीर लापरवाही पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए नगर विकास विभाग को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नगर निगम ने गोशाला संचालन से जुड़ी दो आउटसोर्सिंग फर्मों- जैन कंप्यूटर्स और शिवम इंटरप्राइजेज के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। इन फर्मों को गोशाला में 2500 गोवंशों की देखभाल के लिए गोपालकों और कर्मचारियों की तैनाती की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

पशु चिकित्साधिकारी, केयरटेकर और लिपिक निलंबित

 लापरवाही के इस मामले में हरपाल सिंह, पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी, और गोशाला के केयरटेकर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है एवं उन्हें निलंबित भी कर दिया गया हैं। सहायक नगर आयुक्त शरद पाल से गोशाला का वरिष्ठ प्रभार छीन लिया गया है और उनकी जगह अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र को सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया और उनकी जगह डॉ. अमर सिंह को नई तैनाती दी गई है।

गोशाला की निगरानी के लिए लगाए गए 12 सीसीटीवी कैमरे

 गोवंशों की बेहतर देखभाल के लिए छह होमगार्ड और 50 नए कर्मचारियों को दो शिफ्टों में (25-25) तैनात किया गया है। चोटिल, बीमार या दुर्घटनाग्रस्त गोवंशों के लिए गोशाला में बने ट्रॉमा सेंटर में तत्काल उपचार सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। गोशाला के विस्तार के लिए 15,000 वर्ग मीटर भूमि का चयन किया गया है, ताकि गोवंशों के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध हो सके। गौशाला की निगरानी के लिए 12 सीसीटीवी कैमरों को लगाया गया है।

 क्या हुआ था 

12 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया पर कान्हा गोशाला की बदहाल स्थिति को दर्शाने वाला एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दयनीय परिस्थितियों में गोवंशों को दिखाया गया। इस वीडियो के बाद सहायक नगर आयुक्त शरद पाल के नेतृत्व में गोशाला का गहन निरीक्षण किया गया। जांच में पाया गया कि गोशाला में भूसा, हरा चारा और पानी उपलब्ध होने के बावजूद गोवंशों को समय पर नहीं दिया जा रहा था। इसके अलावा, कई गोपालक और कर्मचारी ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए। मेसर्स जैन कंप्यूटर्स ने 24 गोपालकों और शिवम इंटरप्राइजेज ने 18 गोपालकों की तैनाती का दावा किया था, लेकिन वास्तविक स्थिति इसके विपरीत थी।नगर निगम ने बताया कि दोनों फर्मों को पहले भी गोवंशों की देखभाल में लापरवाही के लिए मौखिक और लिखित नोटिस जारी किए गए थे। इसके बावजूद, कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके चलते कड़ा कदम उठाना पड़ा। जांच में यह भी सामने आया कि गोशाला में अभिलेखों का रख-रखाव अपूर्ण था, जिसके लिए लिपिक विकास शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

नगर निगम ने गोशाला की स्थिति में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गोशाला की निगरानी के लिए 12 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। जिन शेडों में फर्श की कमी थी, वहां फर्श निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम लागू किया गया है। इसके अतिरिक्त, चारा की उप्लब्ध्ता , गोबर उठान और अन्य कार्यों के लिए अभिलेखीकरण करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी गई 

प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में कान्हा गोशाला के रखरखाव में कमी एवं लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नगर निगम ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर गोवंशों की देखभाल में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि गोशाला में व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएं और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो। इस कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

कान्हा गोशाला में गोवंशों की देखभाल में लापरवाही के खिलाफ उठाए गए इन कदमों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश सरकार गोवंशों के कल्याण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। नगर निगम की त्वरित कार्रवाई और सुधारात्मक उपायों से गोशाला में व्यवस्थाएं बेहतर होने की उम्मीद है, जिससे गोवंशों को उचित देखभाल और सम्मान मिल सके।


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