मेरठ से लापता युवती का आज तक नहीं लगा सुराग

बदर के साथ लिव इन में रहती थी, परिजन बोले- आज तक दर्ज नहीं हुई एफआईआर

 पुलिस अगर लापता युवती को खोल ले तो अन्य युवती आ सकती है प्रकाश में 

मेरठ। हिंदू युवतियों के मतांतरण के आरोपी छांगुर बाबा के गुर्गे बदर सिद्दीकी ने एक नहीं कई लड़कियों को अपना शिकार बनाया था। सरूरपुर की युवती के बाद अब सिविल लाइन क्षेत्र की एक अन्य युवती से बदर का नाम जुड़ा है जो छह वर्ष बीत जाने के बाद भी लापता है। पुलिस ने आज तक इस मामले में गुमशुदगी तक दर्ज नहीं की है। परिजन का कहना है कि उन्हें यह तक नहीं पता कि उनकी बेटी जिंदा भी है या नहीं।

छांगुर बाबा पर धर्म परिवर्तन कराने के जो आरोप लगे थे, उनकी हकीकत सामने आने लगी है। यह पता चल गया है कि उसने धर्म परिवर्तन के लिए बड़ा नेटवर्क तैयार किया था। उसी नेटवर्क से मेरठ का लिसाड़ीगेट निवासी बदर अख्तर सिद्दीकी भी जुड़ा था। जो हिंदू युवतियों को प्यार के जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराता।

फिर एक दिन अचानक वह युवतियां गायब हो जाती। मेरठ के सरूरपुर की युवती के गायब होने का मामला अभी चल ही रहा था कि शनिवार को सिविल लाइन के संजय नगर में रहने वाली एक अन्य युवती आशा नेगी के गायब होने की कहानी सामने आ गई। इस कहानी का मुख्य किरदार भी बदर अख्तर सिद्दीकी ही है।

आशा नेगी मोबाइल कंपनी के आफिस में काम करती थी

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के संजयनगर निवासी आशा नेगी वर्ष 2008 में यूनिवर्सिटी रोड स्थित एक मोबाइल कंपनी के आफिस में काम करती थी। यहीं पर बदर अख्तर सिद्दीकी भी काम करता था। समय बीता और बदर ने आशा को फ्रेंडशिप के बहाने प्रेम जाल में फंसा लिया। कुछ दिन दोनों साथ रहे और फिर एक दिन हकीकत सामने आने पर उनकी दोस्ती टूट गई। आशा एनएच 58 स्थित एक बड़े संस्थान में जॉब करने लगी।

वर्ष 2015 में पिता ने आशा का रिश्ता तय कर दिया और सगाई होने के बाद वह अपनी कंपनी के नोएडा स्थित नये दफ्तर में शिफ्ट हो गई। यही पर उसकी मुलाकात बदर अख्तर सिद्दीकी से दोबारा हुई। धीरे धीरे दोनों नजदीक आते गए और लिव इन पर रहने लगे।

व्हाट्सएप चैट पर हुई आखिरी बात

बदर के संपर्क में आने के बाद आशा का घर से संपर्क टूटने लगा था। उसने फोन तक करने बंद कर दिए। कभी कभी व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर वह बात कर लेती थी। फिर अचानक से उसके मैसेज भी आने बंद हो गए। भाई फोन करते लेकिन कॉल रिसीव नहीं होती।

अचानक एक दिन आशा ने अपने छोटे भाई को फोन किया। वह बहुत परेशान थी और रो रही थी। उसने बताया कि बदर किसी अन्य लड़की के संपर्क में है और उसे बहुत मारता पीटता है। भाई ने उसे वापस घर लौट आने के लिए कहा और भरोसा दिलाया कि वह उसकी यहां जॉब लगवा देगा लेकिन अगले दिन आशा का फिर फोन आया और उसने लौटने से इंकार कर दिया।

आशा ने क्रेडिट कार्ड से 65 हजार रुपये की खरीदारी की थी

आशा के भाई ने बताया कि वर्ष 2018 में एक क्रेडिट कार्ड कंपनी के कुछ लोग घर आए। उन्होंने बताया कि आशा ने क्रेडिट कार्ड से 65 हजार रुपये की खरीदारी की थी लेकिन रकम वापस नहीं की। उन्होंने फोटो दिखाया तो पता चला कि बदर अख्तर के साथ आशा नहीं बल्कि वह लड़की थी, जिसके लिए आशा को पीटा जाता था। आशा के क्रेडिट कार्ड से यह खरीदारी बदर ने उस लड़की को कराई थी।

छानबीन पर भी नहीं मिली बहन

आशा के भाई ने बताया कि बदर के साथ दूसरी लड़की को देखकर उनका मन परेशान हो गया। वह अपनी बहन से मिलने नोएडा उस सोसाइटी में पहुंचे, जहां वह किराये पर रहती थी। उनको फ्लैट बंद मिला। गार्ड ने पूछने पर बताया कि तीन दिन पहले उसने आशा को तीन बैग के साथ कार में बैठकर कहीं जाते देखा था।

अभी तक गुमशुदगी की रिपोर्ट नहीं लिखी

मेरठ लौटकर आशा के भाई ने सिविल लाइन थाने में तहरीर देकर गुमशुदगी दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन आरोप है कि तत्कालीन इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने नोएडा का मामला बताकर परिवार को टरका दिया। परिवार नोएडा और मेरठ पुलिस के चक्कर काटता रहा। अफसरों तक से गुहार लगाई लेकिन गुमशुदगी दर्ज नहीं हो सकी। अब जब बदर अख्तर का नाम दोबारा सामने आया है तो उनको बहन से मिलने की उम्मीद भी बढ़ गई है।

 पुलिस 2018 कार्रवाई करती तो बाबर सिददकी से युवतियों को बचाया जा सकता था 

अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही ने बताया कि झांगुर बाबा से जुड़ा मामला कोई छोटा मोटा मामला नहीं है। काफी लड़कियों को लव जिहान के नाम पर फंसाया गया। उन्होंने कहा अगर 2018 में अगर पुलिस कार्रवाई करती तो बाबर सिददकी के चुंगल से बचाया जा सकता । अगर पुलिस दोनो लड़‍कियों को बरामद करा तो काफी लड़की प्रकाश में आ सकती है। जिन्हें लव जिहाज के नाम पर फंसा कर उनका धर्म परिवत्रन कराया गया। 


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