पारिवारिक तनाव का समाधान कैसे हो?

- डा. वरिंदर भाटिया
मनोविज्ञान से जुड़ी अनेक रिपोर्ट्स बता रही हैं कि पारिवारिक परेशानियों के कारण देश में आत्महत्याओं की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यह एक बड़ा सामाजिक सरोकार है। आइए, इस बिंदु को खंगालें और कुछ हल टटोलें। हर दूसरे, तीसरे व्यक्ति में, पारिवारिक टेंशन, यानी कि पारिवारिक तनाव आजकल उफान पर है, यह एक ज्वलंत सामाजिक चिंता का बिंदु है। इससे परिवार के सभी सदस्य प्रभावित हो जाते हैं। क्यों बढ़ रहे हैं आजकल पारिवारिक तनाव, यह अपने आप में एक बहुत बड़ा सामाजिक सरोकार है।
पारिवारिक तनाव परिवार के किसी एक या ज्यादा सदस्य को होने वाला तनाव होता है। आजकल यह तनाव परिवार के सदस्यों के बीच के भावनात्मक संबंधों, मनोदशा, कल्याण और पारिवारिक संबंधों को प्रभावित कर रहा है, और परिवारों को बिखेर रहा है। यूं तो परिवार के सदस्यों के बीच में नोकझोंक होना आम बात है, परंतु यदि यह नोकझोंक लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह विवाद में बदल जाती है, जिसकी वजह से बेहद करीबी लोग भी एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं। इसका हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है।
पारिवारिक विवाद बच्चों के मानसिक विकास में रुकावट डालने के साथ-साथ घर के बड़ों के लिए भी बेहद नकारात्मक रूप से कार्य करता है। हमारे आसपास यही कुछ देखने में विदित हो रहा है। पारिवारिक टेंशन यानी तनाव को काबू करना आसान काम नहीं होता है, पर बावजूद इसके, यदि आपके घर में लंबे समय से पारिवारिक विवाद चल रहा है और परिवार के सदस्यों को डील करना आपके लिए मुश्किल होता जा रहा है, तो इस स्थिति में खुद के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने की जगह अपनी भावनाओं को प्राथमिकता देना सीखें। समझें कि कौनसी स्थिति, आपको तनाव दे रही है, यदि बात अधिक बिगड़ती जा रही है तो इस स्थिति में खुद को प्राथमिकता दें।

इन मामलों से खुद को कुछ समय के लिए दूर कर लें, जब मन शांत हो तो शांति से लोगों से बातचीत करें और मसले का हल निकालने की कोशिश करें। यदि आप हर वक्त परिवार में चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश करते रहते हैं, तो इसका आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कुछ चीजें समय के साथ खुद ठीक हो जाती हैं, साथ ही अन्य लोगों को भी चीजों को सही करने का मौका देना चाहिए। हमेशा सलाह देने और किसी काम को करने के लिए लोगों पर दबाव बनाने से आपकी मानसिक स्थिति भी खराब होती है। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि खुद को मानसिक रूप से शांत रखने के लिए परिवार के सदस्यों से बेवजह की उम्मीद रखने से बेहतर है, चीजों को स्वीकार करें, यह जरूरी नहीं है कि परिवार के सभी सदस्य आपके विचार से सहमत हों, ऐसे में चल रहे पारिवारिक विवाद के बीच अपनी बात को मनवाने के लिए विवाद को बढ़ावा न दें। दूसरों के विचारों को समझें और उसे अपनाएं। ऐसा करने से लोग आपकी लिए गए निर्णय को भी वैल्यू करेंगे और परिवार में नोकझोंक भी कम होगी। यदि आपके घर में पैसे से जुड़े मुद्दों को लेकर बात-विवाद चल रहा है या किसी प्रकार के अन्य संवेदनशील मुद्दे पर, तो इस स्थिति में विवादित मुद्दों पर बार-बार चर्चा न करें। क्योंकि ऐसा करने से घरेलू मतभेद अधिक बढ़ सकता है, जिससे केवल दूसरे लोग परेशान नहीं होंगे, बल्कि यह आपको भी पूरी तरह से बेकाबू कर देगा। ऐसे में जब घर-परिवार में शांति बनी हो, तो शांति को बनाए रखने की कोशिश करें।


लोगों से सकारात्मक बातों पर चर्चा करें, ऐसा करने से हो सकता है कि विवाद कम हो। कई बार पारिवारिक विवाद में हम वर्तमान की स्थिति को छोड़, पुरानी विवादित बातों पर चर्चा करना शुरू कर देते हैं, जिसकी वजह से परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। इस स्थिति में पुरानी बातों पर चर्चा करने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें, वर्तमान में चल रही स्थिति को सुलझाने का प्रयास करें। टेंशन जीवन को पूरी तरह बर्बाद कर देती है, इनसान के पास जो अच्छे पल होते हैं, वो भी टेंशन की नजर हो जाते हैं, कुछ उपाय हैं जिनसे टेंशन को कम किया जा सकता है। जिस वजह से टेंशन है, उस समस्या को सुलझाने का प्रयास किया जाए और यदि कोई बड़ा नुकसान हो गया, तो उस नुकसान के असर को कम कैसे किया जा सकता है, इस पर विचार करके ठोस कदम उठाए जाएं।

मेडिटेशन : आप जिस भी खुदा, भगवान को मानते हों, कुछ समय उनके साथ बिताया जाए, ध्यान लगाया जाए, यह वास्तव में मन को बहुत सुकून देता है। अपने अच्छे दोस्तों या पारिवारिक सदस्यों के साथ समय बिताया जाए। हम भागदौड़ और टेंशन में अपनों का साथ खोते जा रहे हैं। एक लंबी वॉक भी आपकी टेंशन को काफी हद तक कम कर देती है। मैं अक्सर लंबी वॉक करता हूं और अकेले अपने साथ भी समय बिताता हूं, अच्छा संगीत भी मन को सुकून देता है, या कोई भी ऐसी हॉबी जो आपको पसंद हो, उस पर काम किया जाए। जैसे अच्छी किताबें पढऩा, पेंटिंग बनाना, डांस करना इत्यादि। व्यायाम : यह टेंशन और स्ट्रेस भगाने का सबसे अच्छा माध्यम है। ऐसा मैं अपने अनुभव से कह रहा हूं। यह तबीयत को एकदम हल्का कर देता है और अपने आप शरीर और मन में स्फूर्ति भर जाती है। अच्छा भोजन और अपना पसंदीदा खाना भी टेंशन को काफी हद तक कम करता है, अपनी पसंद की कोई अच्छी डिश बना कर आप समय को अच्छा बना सकते हैं।

अगर समय हो तो कोई अच्छी मूवी देखनी चाहिए। जब हम टीवी देखते हैं, तो काफी हद तक दिमाग टीवी में उलझ जाता है और अपनी व्यक्तिगत बातों से हट जाता है, और सबसे बढ़ कर यह कि इस बात पर विश्वास होना चाहिए कि कोई भी टेंशन जीवन से बढ़ कर नहीं, टेंशन आनी-जानी है, यह जीवन का हिस्सा है। इसे खुद पर सवार नहीं करना चाहिए। इनसान से शक्तिशाली कोई नहीं, वो दुनिया में हर असंभव को संभव कर सकता है। याद रहे आज के दौर में, हर आदमी के लिए सबसे बड़ा तनाव होता है पारिवारिक तनाव।


तनाव का परिणाम तो हमेशा बुरा और विनाशकारी ही होता है। आज के युग में जब परिवार में तनाव हो जाता है, तो हमारा सबसे पहला काम है कि हम अपना धैर्य बनाकर रखें। एकांत चित्त होकर, यह विचार करें कि समस्या की मूल जड़ क्या है? पारिवारिक फैसले के लिए दिमाग के साथ-साथ दिल की भी सुनें। अगर आप परिवार के सबसे बड़े हैं, तो फैसला बहुत सोच समझ कर लें। अगर छोटे हैं, तो अपना फैसला एक सुझाव के तौर पर अपने परिवार में अपने स्वभाव से मेल खाते हुए, किसी अन्य व्यक्ति के साथ सांझा करें, और दोनों मिलकर, परिवार के मुखिया से बात करें। यह विचार, पारिवारिक तनाव को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकेगा।
हम सबके लिए बेहतर है कि हम पारिवारिक टेंशन को जिंदगी की जिंदादिली पर हावी न होने दें। अंत में बकौल फिराक गोरखपुरी, ‘यह माना कि, जिंदगी है चार दिन की, बहुत होते हैं यारो, चार दिन भी।’

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