मेरठ में कांग्रेस दो फाड़ की तरफ! 

 जिला और शहर इकाइयों के बीच शक्ति प्रदर्शन! 

 सरकारी स्कूलों को बंद करने के खिलाफ जिला और शहर इकाइयों का अलग अलग प्रदर्शन 

जिला इकाई का कलेक्ट्रेट तो शहर इकाई का कमिश्नरी पर हल्लाबोल

मेरठ। मेरठ में कांग्रेस एक बार फिर से दोराहे पर खड़ी है। पार्टी की जिला और शहर इकाई में एक बार फिर दो फाड़ की तैयारी है। प्रदेश सरकार द्वारा कई सरकारी स्कूलों को बंद करने व मर्ज करने के फैसले के विरोध में गुरुवार को जिला और शहर कांग्रेस ने अलग-अलग प्रदर्शन किया। एक तरह से दोनों के बीच शक्ति प्रदर्शन हुआ। दोनों में कौन उन्नीस और कौन इक्कीस रहा।

 इसका आंकलन तो पार्टी हाईकमान को करना है लेकिन दोनों ही इकाइयों ने इसे नाक का सवाल बनाते हुए गुरुवार को अच्छी खासी भीड़ इकट्ठा कर ली। बता दें कि मेरठ में पार्टी के भीतर इतनी कशीदगी है कि इस बार तो शहर और जिले के लिए अलग-अलग पार्टी प्रवक्ता नियुक्त किए गए हैं। महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रंजन शर्मा और पूर्व जिला अध्यक्ष अवनीश काजला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कमिश्नरी पर एकत्र हुए और जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं जिला अध्यक्ष गौरव भाटी के नेतृत्व में कांग्रेसी कलेक्ट्रेट पर एकत्र हुए और प्रदर्शन किया। सवाल यह है कि एक ही पार्टी और एक ही मुद्दे पर  अलग-अलग प्रदर्शन क्यों हुए। यदि जिला और शहर इकाई संयुक्त प्रदर्शन करते तो भीड़ अपार जुटती। प्रदर्शन के दौरान महानगर कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की नोक झोंक भी हुई। यहां कांग्रेसियों ने एडीएम सिटी को ज्ञापन सौंपा। उधर जिला कांग्रेस कमेटी का आरोप था कि सरकारी स्कूलों को बंद करने का प्रदेश सरकार का यह फैसला निजीकरण की तरफ बढ़ाया गया कदम है। जिला कमेटी के मीडिया प्रभारी सैय्यद आमिर रजा और महानगर कमेटी के मीडिया प्रभारी हरिकृष्ण अंबेडकर का दावा है कि उनके प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में कांग्रेसियों के साथ-साथ आम लोग भी जुड़े। बता दें कि मेरठ में पिछले कई वर्षों से कांग्रेस बैसाखियों का सहारा लेकर चल रही है। नए संगठन सर्जन के बाद इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि संगठन को मेरठ में मजबूती मिलेगी लेकिन फिलहाल शहर और जिला इकाइयों के बीच गहरी होती जा रही खाई के चलते ऐसा होता नहीं दिख रहा है।


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