डाक कांवड़ की भागम-भाग, सात घंटे में 150 किमी. की दौड़

 हर टीम पर दो से तीन लाख तक का खर्च

मेरठ।  हाईवे पर डाक कांवड़ों का जुनून और शिवभक्ति का अद्भुत संगम नजर आ रहा है। हर की पैडी से गंगाजल उठा कर तेजी से ग्रुप में दौड़ते हुए कांवडिए अपनी मंजिल ओर तेजी से बढ़ रहे है। हर एक डाक कांवड़ के घंटे तय किए है। कोई मेरठ से हरिद्वार की दूरी छ घंटे तो कोई सात घंटे में तय की  गयी है। उसके अनुसार शिवभक्त हाइवे पर दौड़ते दिखाई दे रहे है। हमने ऐसे कई डाक कांवडियों से बात करने का प्रयास किया। 

 मोदीपुरम हाइवे पर मिले खरदौनी निवासी दीपक शर्मा ने बताया उनकी टीम तीसरी बार डाक कांवड़ ला रही है। डाक कांवड़ का नाम शिव एक्सप्रेस डाक कांवड़ रखा है। 15 युवकों की टीम ने 7 घंटे 20 मिनट में हर की पौड़ी से जल उठाकर दौड़ते हुए शिव मंदिर खरदौनी में जलाभिषेक करते है। उन्होंने बताया कि टीम अपने साथ लिक्विड डाइट और केले लेकर जाती है। कुछ खाकर आराम करते हैं और स्थान ध्यान कर यात्रा आरंभ की जाती है। यात्रा के दौरान बीच में कहीं रुकते नहीं है। उन्होंने बताया कि उनकी टीम में दीपक, रचित, शिवा, भूषण, अनुज, अंकुर आदि शामिल हैं। डाक कांवड़ लाने में लगभग 80 हजार का खर्च आया।

रोहटा की टीम भी लगाएगी दौड़

रोहटा गांव निवासी राजन ने बताया कि उनकी टीम चौथी बार डाक कांवड़ ला रही है। रात्रि में जल लेकर दौड़ना शुरू करते हैं और अपने शिवालय में जलाभिषेक करते हैं। पिछले साल 7 घंटै 28 मिनट में यात्रा पूर्ण की गई। राजन ने बताया कि 22 जुलाई की रात्रि में 12 बजे के बाद दौड़ना आरंभ करेंगे। शिवरात्रि की सुबह मंदिर में जलाभिषेक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यात्रा में 50 हजार रुपये का खर्च आएगा। टीम में अतुल, सचिन, मानिक, अरुण आदि शामिल हैं।

बपारसी गांव के 50 युवकों का दल हुआ रवाना

सरधना क्षेत्र के गांव बपारसी से 50 युवाओं का डाक कांवड़ ग्रुप सोमवार को हरिद्वार के लिए रवाना हुआ। ग्रुप के सदस्यों ने बताया कि वह हर की पौड़ी से गंगाजल उठाकर मात्र साढ़े छह घंटे में लगभग 140 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए पुरा महादेव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। इस यात्रा में करीब डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता है।इसमें यात्रा के दौरान सेवा शिविर, मेडिकल सहायता, वाहन, खान-पान और सुरक्षा आदि की व्यवस्थाएं शामिल हैं। यात्रा का मार्ग रुड़की, मुजफ्फरनगर, बुढ़ाना और वायवाला होते हुए बपारसी से होकर पुरा महादेव मंदिर तक रहेगा। ग्रुप में डॉ. संजू, राजीव फौजी, कपिल, डॉ. वीरेन्द्र, नीशू राणा, विकास, राहुल, सुमित पाल, अंकित सहित कुल 50 युवक शामिल हैं।

हरिद्वार से गंगाजल लेकर आने वाली डाक कांवड़ में शिवभक्तों की रफ्तार और जुनून कमाल का है। हर की पौड़ी से शहर में बाबा औघड़नाथ मंदिर तक करीब 150 किलोमीटर की दूरी शिवभक्त दौड़कर पूरा करेंगे। इसमें सात घंटे से लेकर साढ़े सात घंटे तक यात्रा पूरी होती है। डाक कांवड़ में 30 से 50 शिवभक्तों की टोलियां पूरे इंतजाम के साथ चल रही हैं। ऐसी कांवड़ पर 80 हजार से दो लाख रुपये तक का खर्च आया है।

 पूरी कांवड यात्रा दौड़ते हुए पूरी की जाती है 

केसरिया और नीली पोषाक में शिवभक्तों की टोलियां सड़कों पर दौड़ते हुए मंदिरों तक पहुंचेंगी। डाक कांवड़ की खासियत यह है कि समय अवधि को लक्ष्य मानकर हर की पौड़ी से जल उठाया जाता है। निश्चित समय अवधि में शिवालयों में जलाभिषेक किया जाता है। इस बार जिले से 155 डाक कांवड़ गई हैं। इसमें सरधना, दौराला, रोहटा, मवाना, खरखौदा क्षेत्र के विभिन्न गांव की टीमें हैं।प्रत्येक डाक कांवड़ टीम में 15 से 50 शिवभक्त होते हैं। यह यात्रा दौड़ते हुए पूरी की जाती है। बोल बम और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ कांवड़िया निरंतर दौड़ते हुए आगे बढ़ते हैं। डाक कांवड़ लाने में 80 हजार से दो लाख तक खर्च आता है। इसमें कैंटर, जेनरेटर, खाद्यान्न में जूस, ओआरएस, चार से आठ बाइकें मुख्य रूप से शामिल होती हैं। कुछ डाक कांवड़ियों ने इस बार अपनी गाड़ियों को राम मंदिर, अघोरी और तिरंगा रूप में सजाया है।

दो अलग अलग युवक दौड़ते हैं जल लेकर

हर की पौड़ी से जल उठाने के बाद दो अलग-अलग युवक बोतल या पाइप जैसे पात्र में जल लेकर दौड़ते हैं। एक युवक के सहयोग में तीन बाइकें होती हैं। इनमें एक बाइक पर तीन से चार युवक पहले से बैठे होते हैं। एक युवक एक बार में 50 से 100 मीटर दौड़ता है। इस बीच बाइक पर बैठा दूसरा युवक बाइक से उतरकर उसके हाथ से बोतल लेकर दौड़ना शुरू कर देता है। दूसरी बाइक थके हुए युवक को कैंटर में पहुंचाती है।

कैंटर में आराम कर तैयार हुए युवक को बाइक पर दौड़ने वाले स्थान पर पहुंचाया जाता है। दोनों युवक जल देने और लेने के कार्य को दौड़ते हुए ही करते हैं। हरिद्वार से गांव के शिवालय तक यही क्रम चलता रहता है। शिवालय में जलाभिषेक कर यात्रा पूर्ण होती है। दो युवक अलग-अलग बोतल में जल लेकर इसलिए दौड़ते हैं, अगर एक जल गिरकर खंडित हो जाए तो दूसरी जल की केन सुरक्षित रहे।


No comments:

Post a Comment

Popular Posts