चलो इस धरा को हरित हम बनाएं
चलो इस धरा को हरित हम बनाएं
सभी मिल यहाँ एक पौधा लगाएं
मरे अब न कोई कृषक चढ़ के फांसी
सभी गाँव को खुशनुमा हम बनाएं
रहें सब निरोगी न बीमार कोई
सभी को यहाँ योग करना सिखाएं
मिले जब कभी हम लगाके गले से
महकते हुए फूल दिल में खिलाएं
नहीं चाहिए यदि विषैली हवा अब
ये पर्यावरण का दिवस सब मनाएं
न हो भेद 'संजय' दिलों में किसी के
चलो दूरियां अब दिलों की मिटाएं
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- संजय कुमार गिरि
करतार नगर, दिल्ली।
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