फेशियल अटेंडेंस बनी बिजली कर्मचारियों की मुसीबत, वेतन पर संकट

 नेटवर्क न मिल पाने से कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज नहीं हो पा रही 

मेरठ। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) द्वारा अनिवार्य की गई फेशियल अटेंडेंस प्रणाली अब विद्युत विभाग के कर्मचारियों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। कई उपकेंद्रों पर नेटवर्क की समस्या और स्मार्टफोन की अनुपलब्धता के कारण कर्मचारी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पा रहे हैं, जिससे उनके वेतन पर संकट खड़ा हो गया है।

ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की बड़ी दिक्कत

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कई बिजलीघरों पर नेटवर्क बेहद कमजोर है, जिससे फेशियल अटेंडेंस ऐप काम नहीं कर पा रही है। वहीं, कुछ संविदा और निविदा कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिनके पास स्मार्टफोन ही नहीं है। ऐसे में वे डिजिटल अटेंडेंस से पूरी तरह वंचित रह जा रहे हैं।

20-25% कर्मचारियों पर असर

निविदा-संविदा कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों की संख्या 20 से 25 प्रतिशत तक है जो तकनीकी वजहों से हाजिरी दर्ज नहीं कर पा रहे। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश कर्मचारी औसतन 10 से 12 घंटे तक काम कर रहे हैं, जबकि फेशियल अटेंडेंस ऐप सिर्फ 8 घंटे तक की उपस्थिति को ही मान्य कर रही है। ब्रेकडाउन जैसी आपात परिस्थितियों में तो कई बार कर्मचारी 20 से 24 घंटे तक लगातार ड्यूटी करते हैं।

हादसे की स्थिति में जवाबदेही कौन लेगा?

संगठन का सवाल है कि यदि ऐप में हाजिरी लॉगआउट हो जाने के बाद कर्मचारी को बुलाकर कोई काम कराया गया और उस दौरान कोई हादसा हो गया, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?

मांगों को लेकर अफसरों से मिलेंगे

संविदा-कर्मचारी संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल आज बिजली विभाग के अधिकारियों से मिलकर फेशियल अटेंडेंस से जुड़ी समस्याओं और तकनीकी अड़चनों पर चर्चा करेगा। संगठन ने मांग की है कि जब तक हर उपकेंद्र पर उचित नेटवर्क और सुविधाएं उपलब्ध न हों, तब तक इस प्रणाली को आंशिक या वैकल्पिक रूप से लागू किया जाए।


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