एनसीआरटीसी को प्रतिष्ठित ईटी इंफ्रा रेल शो अवार्ड्स 2025 में तीन श्रेणियों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया

 मेरठ। एनसीआरटीसी को रेलवे क्षेत्र में इसके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित ईटी इंफ्रा रेल शो अवार्ड्स 2025   में तीन श्रेणियों में सम्मानित किया गया है। ये पुरस्कार शुक्रवार, 13 जून को आयोजित समारोह में प्रदान किए गए। एनसीआरटीसी को ‘सर्वश्रेष्ठ एकीकृत संपत्ति विकास/ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट’, ‘एमआरटीएस/आरआरटीएस के लिए सर्वश्रेष्ठ परियोजना समयसीमा’, और ‘सर्वश्रेष्ठ ट्रैक बिछाने की तकनीक’ श्रेणियों में ये सम्मान प्रदान किए गए हैं।

एनसीआरटीसी देश के प्रथम नमो भारत कॉरिडोर (दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ) का निर्माण कर रहा है। यह परियोजना अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग, एकीकृत योजना और सतत व कुशल विकास पर आधारित है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तेज़, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के नए युग की शुरुआत कर रही है।

सर्वश्रेष्ठ ट्रैक बिछाने की तकनीक श्रेणी में एनसीआरटीसी द्वारा अपनाई गई प्री-कास्ट स्लैब ट्रैक तकनीक इस श्रेणी में निर्णायक रही।  नमो भारत ट्रेनें देश की एकमात्र ट्रेनें हैं, जो बीते 1.5 वर्षों से सफलतापूर्वक 160 किमी/घंटा की अधिकतम गति से संचालित हो रही हैं। 180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति वाली इस सेमी हाई-स्पीड ट्रेन के लिए यह तकनीक विश्वसनीयता, कम रखरखाव और आरामदायक सफर का बेहतरीन समाधान है। साथ ही प्री-कास्ट स्लैब ट्रैक का जीवन-काल 50–100 वर्षों का होता है और इसे न्यूनतम रखरखाव की आवश्यकता होती है। यह प्रणाली कंपन और झटकों को कम कर एक आरामदायक और स्थिर यात्रा अनुभव प्रदान करती है। साथ ही, यह तकनीक तेज निर्माण और आसान प्रतिस्थापन में भी सहायक है, जो इस तकनीक को नमो भारत जैसे हाई परफॉर्मेंस ट्रेन कॉरिडोर के लिए उपयुक्त बनाती है।

सर्वश्रेष्ठ परियोजना समयसीमा श्रेणी का पुरस्कार एनसीआरटीसी द्वारा परियोजना को तेज़ी से कार्यान्वित करने की उपलब्धि को दर्शाता है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का पहला 17 किमी का प्रायोरिटी सेक्शन (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) 21 अक्टूबर 2023 को यात्रियों के लिए चालू किया गया था। इसके बाद विभिन्न खंड चरणबद्ध तरीके से चालू किए जा रहे हैं। यह भारत की उन दुर्लभ जन-आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है, जिसने निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्य किया है—वह भी तब जब यह प्रणाली भारत में पहली बार अत्याधुनिक तकनीकों के साथ लागू की जा रही थी और कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी की चुनौती भी सामने थी। वर्तमान में कॉरिडोर पर 55 किमी लंबे खंड में 11 स्टेशनों पर नमो भारत ट्रेन सेवाएं परिचालित की जा रही हैं, और शेष हिस्सों पर ट्रायल रन किए जा रहे हैं। इस वर्ष में सम्पूर्ण 82 किमी लंबा कॉरिडोर निर्धारित समय के भीतर चालू कर दिया जाएगा।

सर्वश्रेष्ठ एकीकृत संपत्ति विकास/ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट श्रेणी में प्राप्त सम्मान यह दर्शाता है कि एनसीआरटीसी ने ट्रांजिट कॉरिडोर के आसपास स्थायी और योजनाबद्ध शहरी विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2022 में टीओडी नीति बनाने के बाद, मेरठ भारत का पहला ऐसा शहर बना जिसने टीओडी ज़ोन को अपने आधिकारिक मास्टर प्लान (2031) में शामिल किया। इस दिशा में एनसीआरटीसी की भूमिका महत्वपूर्ण रही, जिसमें टीओडी ज़ोन की पहचान, सीमांकन और मूल्य-वसूली वित्तीय ढांचे के विकास में सहायता शामिल थी। मेरठ विकास प्राधिकरण ने लगभग 3273 हेक्टेयर क्षेत्र को टीओडी के लिए आरक्षित किया है, जिसमें 2400 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को सात टीओडी ज़ोन और दो विशेष विकास क्षेत्रों (एसडीए) में विभाजित किया गया है। ये ज़ोन नामो भारत और मेरठ मेट्रो कॉरिडोर के आसपास स्थित हैं। यह उत्तर प्रदेश सरकार और एनसीआरटीसी के एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है।

ये तीनों पुरस्कार एनसीआरटीसी की दूरदर्शी सोच, तकनीकी उत्कृष्टता और समयबद्ध क्रियान्वयन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आधुनिक क्षेत्रीय गतिशीलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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