परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमआर श्रीनिवासन का निधन
नई दिल्ली (एजेंसी)।
परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमआर श्रीनिवासन का मंगलवार को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पद्म विभूषण से सम्मानित श्रीनिवासन ने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
श्रीनिवासन सितंबर 1955 में परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) में शामिल हुए और उन्होंने भारत के पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर, अप्सरा के निर्माण पर होमी भाभा के साथ काम करते हुए अपने प्रतिष्ठित करियर की शुरुआत की। श्रीनिवासन ने राष्ट्रीय महत्व के कई प्रमुख पदों पर कार्य किया। 1974 में वे पावर प्रोजेक्ट्स इंजीनियरिंग डिवीजन, डीएई के निदेशक बने और 1984 में परमाणु ऊर्जा बोर्ड के अध्यक्ष बने। 1987 में उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग का अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग का सचिव नियुक्त किया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनके निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि उनका निधन भारत के वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है। खरगे ने कहा, 'भारत के पहले परमाणु रिएक्टर अप्सरा (1956) पर होमी भाभा के साथ अपने प्रतिष्ठित करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और योजना आयोग के सदस्य सहित प्रमुख राष्ट्रीय भूमिकाएं निभाईं। श्रीनिवासन के नेतृत्व में 18 परमाणु ऊर्जा इकाइयों का विकास हुआ।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी श्रीनिवासन के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि कलपक्कम, रावतभाटा, कैगा, काकरापार और नरोरा में वर्तमान में संचालित परमाणु ऊर्जा स्टेशन राष्ट्र निर्माण में उनके महान योगदान के ज्वलंत प्रमाण हैं।
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