रिव्यू याचिका खारिज होने से सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों में बेचैनी
सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण का समय बढ़ाने से किया था इनकार
मेरठ। शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट के 661/6 आवासीय परिसर में बनी मार्केट को ध्वस्तीकरण से बचाने की कोशिशें बेकार हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों की ओर से दायर रिव्यू याचिका को भी खारिज कर दिया। फैसला आने के बाद यहां के व्यापारियों में बेचैनी बढ़ गई है। पूरे सेंट्रल मार्केट में अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है। व्यापारी नेताओं का कहना है कि अब सब कुछ भगवान के भरोसे छोड़ दिया है।
सेंट्रल मार्केट पर ध्वस्तीकरण की तलवार लटक गई है। सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका खारिज होने के बाद माना जा रहा है कि यहां कभी भी कार्रवाई हो सकती है। जनप्रतिनिधियों ने भी कोर्ट के फैसले के बाद इस बारे में कुछ भी बोलने से किनारा कर लिया है। परेशान करने वाली बात ये है कि 661/6 के ध्वस्तीकरण नहीं होने के लिए विधिक संभावनाएं भी घट गई हैं। सुप्रीम कोर्ट में राजीव गुप्ता एवं अन्य बनाम उप्र आवास एवं विकास और अन्य के डायरी नंबर 14243-2025 पर न्यायाधीश जेबी पारदीवाला एवं आर. माधवन ने सुनवाई करते हुए तत्काल खारिज कर दिया। इससे पहले राजेंद्र कुमार बड़जात्या बनाम उप्र आवास एवं विकास परिषद एवं अन्य के विविध प्रार्थना पत्र 493/2025 पर न्यायाधीश जेबी पारदीवाला एवं आर. माधवन ने 28 अप्रैल को खारिज कर दिया था। इसमें 17 दिसंबर 2024 को ध्वस्तीकरण के आदेशों का पालन न होने पर कड़ा ऐतराज जताया गया। आदेश में तीन महीने में 661/6 को खाली कराकर दो सप्ताह में ध्वस्त कराकर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मदन शर्मा ने बताया कि 28 अप्रैल को कोर्ट ने आदेश में कहा कि कांप्लेक्स को खाली कराने के लिए दुकानदारों की ओर से समय बढ़ाने की याचिका को रद्द किया जाता है। याची के दुकान खाली न करने पर अदालत की अवमानना का दोषी भी करार दिया है।
सेंट्रल मार्केट की चहल-पहल गायब
सुप्रीम कोर्ट में पहले 28 अप्रैल को कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण की समय सीमा को बढ़ाने और फिर दो मई को रिव्यू याचिका खारिज होने के बाद सेंट्रल मार्केट में अक्सर रहने वाली चहल-पहल पर बुरा असर पड़ा है। सुबह से लेकर रात 10-10.30 बजे तक खुलने वाली दुकानें और यहां स्थानीय लोगों के बाजार बंद होने तक घूमने से यहां चहल-पहल बनी रहती है। अब जैसे-जैसे कोर्ट के आदेश आते जा रहे हैं, यहां की रौनक गायब होती जा रही है। सेंट्रल मार्केट कैंट के बाजारों आबूलेन, बॉम्बे बाजार, सदर बाजार को कड़ी टक्कर देता आया है। वहां जाने की बजाय लोग सेंट्रल मार्केट में जाना ज्यादा मुनासिब समझते हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का नए आदेश ने व्यापारियों की नींद उड़ाए हुए है। सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ के अध्यक्ष किशोर वाधवा का कहना है कि अब सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
दो याचिका खारिज होने से हरकत में आया आवास विकास
सुप्रीम कोर्ट में सैंट्रल मार्केट से सबंधित दो याचिका खारिज होने के बाद से आवास विकास हरकत में आ गया है। आवास विकास के अधिकारियों ने खारिज आदेश की कापी के साथ नोटिस लगाने का आरंभ कर दिए है। अब आवास विकास के अधिकारी लखनऊ से ध्वस्तीकरण के आदेश का इंतजार कर रहे है।
22 व्यापारियों को आवास का नोटिस
शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट के 661/6आवासीय भवन में बनी मार्केट के ध्वस्तीकरण की आशंका बढ़ गयी है। आवास विकास ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए उक्त सम्पत्ति पर नोटिस चस्पा कर दिया है। नोटिस में परिसर को खाली करने के लिए कहा गया है। इसके बाद व्यापारियों में खलबली मची हुई है। नोटिस में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट से पूर्व में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के आदेश पुर्नविचार याचिका भी खारिज हो चुकी है। अब रिव्यू याचिका भी खारिज हो चुकी है। आवास विकास के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि जिन 22 व्यापारियेां को नोटिस जारी किए गये है। उसमें वीर सिंह, राजेन्द्र कुमार, राजीव गुप्ता, सुषमा शर्मा, संगीता वाधवा, चन्द्रप्रकाश गोयल, निशि गोयल, अमरजीत ,जगप्रीत कौर, विनोद अरोड़ा, संदीप सिंह , मंदीप सिंह, हरेन्द्र चौहान, राकेश -संगीता जैन्, संगीता वाधवा, पूनम मेंहदी रत्ता, प्रतीक वाधवा, अलका अरो्ड़ा शामिल है।
इनका कहना है
सेंट्रल मार्केट में संपत्ति 661/6पर नाेटिस चस्पा करने के साथ ही 22 व्यापारियों को तत्काल परिसर को खाली करने के लिए कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन हर हाल में किया जाएगा। उनहोंने बताया शास्त्री नगर में 1473 ऐसे आवासीय निर्माण है जिसमें व्यवसायिक गतिविधियां की जा रही है।
राजीव कुमार- अधीक्षण अभियंता आवास विकास
भले ही सुप्रीम कोर्ट से आदेश आ गए । अभी भी ऊपर वाले पर भरोसा है। न्पाय मिलेगा। कुछ गलती की है। गाइडलाइन आएगी सर्वे हो बिल्डिंग बचेगी।
किशेार वाधवा -व्यापारी
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