भारत की ऋषि परंपरा है मानव मूल्यों का प्रेरणा स्रोतः योगेश मोहन गुप्ता
- आईआईएमटी इंजीनियरिंग कॉलेज में तीन दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन
मेरठ। आज के युवा राष्ट्र निर्माता हैं। सही मार्गदर्शन और संस्कार से ही युवाओं में मानव मूल्य विकसित किए और बनाए रखे जा सकते हैं। आईआईएमटी इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम को संबोधित करते हुए आईआईएमटी समूह के चेयरमैन योगेश मोहनजी गुप्ता ने भारत की ऋषि परंपरा को मानव मूल्यों का प्रेरणा स्रोत बताया।
आईआईएमटी इंजीनियरिंग कॉलेज में तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। ‘सार्वभौमिक मानवीय मूल्य - परिचय’ विषय पर आधारित कार्यक्रम का शुभारंभ आईआईएमटी समूह के चेयरमैन योगेश मोहनजी गुप्ता ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चेयरमैन योगेश मोहनजी गुप्ता ने कहा कि हम उस देश के रहने वाले हैं जहां मानव मूल्यों की परिभाषा गढ़ी गई। आज हमें यह देखना होगा कि मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है मेरी समाज के प्रति, अपने कार्यों के प्रति भागीदारी क्या है और क्या हम अपने कार्यों का निर्वाह पूरे मन से कर रहे हैं।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से हिमांशु राय और आभा मिश्रा ने शिक्षकों को मानव मूल्य और मूल्य शिक्षा के महत्व पर गहन जानकारी दी। डॉ. नियति ने कार्यक्रम के पर्यवेक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाई और पूरे कार्यक्रम का मूल्यांकन किया। कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों ने विभिन्न सत्रों में भाग लिया और अपने ज्ञान को बढ़ाने के साथ-साथ मानव मूल्य शिक्षा की आवश्यकता और प्रभावशीलता पर चर्चा की। आईआईएमटी इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. धीरेंद्र ने कहा कि कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल शिक्षकों की बल्कि विद्यार्थियों की भी मानसिक और नैतिक उन्नति होती है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत यह कार्यक्रम कॉलेज के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ। निदेशक प्रशासन डॉ0 संदीप कुमार, कार्यक्रम समन्वयक सुजीत यादव, बोधिसत्वशील, सुभाष राजपूत, शुभा द्विवेदी, शिवानी अग्रवाल, शिखा दुबे मौजूद रहे।
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