सुभारती विवि में हुआ प्रिंसिपल कॉन्क्लेव का आयोजन

मेरठ सहित उत्तर प्रदेश व दिल्ली एनसीआर के सीबीएसई, आईसीएसई तथा यूपी बोर्ड से संबद्ध अनेक प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया गया

प्रिंसिपल कॉनक्लेव में स्कूली शिक्षा को विश्वविद्यालय के साथ जोड़ना एवं शिक्षा का वर्तमान परिदृश्य पर हुई सार्थक चर्चा

स्कूली शिक्षा को विश्वविद्यालय से जोड़ने पर शैक्षणिक सुधार के साथ सामाजिक परिवर्तन होगा - डॉ.वसुदा सिंह, आईएचबीएएस दिल्ली

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विवि द्वारा प्रिंसिपल कॉन्क्लेव का आयोजन दी मार्स रिसोर्टस मेरठ में किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र उत्कृष्ट कार्य करने वाले मेरठ सहित उत्तर प्रदेश व दिल्ली एनसीआर के सीबीएसई, आईसीएसई तथा यूपी बोर्ड से संबद्ध अनेक प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को सम्मानित भी किया गया।इसके साथ ही कॉनक्लेव में स्कूली शिक्षा को विश्वविद्यालय के साथ जोड़ना एवं शिक्षा का वर्तमान परिदृश्यसे जुड़े समसामयिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। जिसमें सभी प्रधानाचार्यों ने अपने विचार साझा किए और बेहतरी के सुझाव प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम का शुभारंभ  सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ जी.के. थपलियाल के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने प्रिंसिपल कॉन्क्लेव में आए सीबीएसई, आईसीएसई तथा यूपी बोर्ड से संबद्ध अनेक प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का स्वागत किया। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण राष्ट्र प्रथम सदैव प्रथम के भाव से शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी कार्य कर रहे है। इसी दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों में राष्ट्र चरित्र निर्माण कर उन्हें देश के महापुरुषों से प्रेरित किया जा रहा है। सुभारती विश्वविद्यालय राष्ट्रहित के उद्देश्य से शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने का प्रयास कर रहा है। इसमें शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षण-पद्धतियों में नवाचार और विद्यार्थियों के समग्र विकास पर जोर दिया जा रहा है।

कॉनक्लेव का आकर्षण स्कूली शिक्षा को विश्वविद्यालय के साथ जोड़ना एवं शिक्षा का वर्तमान परिदृश्य और चुनौतियां विषय पर आयोजित पैनल चर्चा रही। जिसमें विशेषज्ञों ने वर्तमान शैक्षणिक चुनौतियों, विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य तथा नई शिक्षा नीति के प्रभावों पर प्रकाश डाला। प्रधानाचार्यों ने भी अपने अनुभव साझा किए और सुधार के विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किए।

न्यूरो मनोरोग विशेषज्ञ डॉ.सम्यक जैन ने पैनल चर्चा के दौरान आधुनिक शिक्षा प्रणाली, विद्यार्थियों में तनाव प्रबंधन, स्कूलों में स्वास्थ्य जागरूकता, और शिक्षकों की भूमिका जैसे विषयों पर विस्तार से विचार साझा किए। चर्चा में यह भी रेखांकित किया गया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना समय की आवश्यकता है।

आईएचबीएएस दिल्ली से डॉ.वसुदा सिंह ने कहा कि स्कूली शिक्षा को विश्वविद्यालय से जोड़ने की पहल केवल शैक्षणिक सुधार नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन है। इससे न केवल छात्रों का मानसिक विकास होगा, बल्कि देश को भी एक सक्षम और जागरूक नागरिक वर्ग प्राप्त होगा।

पैनल चर्चा में मनोवैज्ञानिक तृप्त कौर, मनोवैज्ञानिक डॉ.नीरज पवार,  शिक्षा विद लव जैन, लिबरल आर्ट्स स्कूल से डॉ.संजीव कुमार, सुभारती डेन्टल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.निखिल श्रीवास्तव, अधिवक्ता हरमिन्दर मेहंदीरत्ता ने विषय पर अपने विचार साझा किए।अंत में सभी प्रधानाचार्यों ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की निरंतरता की अपेक्षा जताई।मंच का संचालन डॉ.निशा सिंह ने किया।धन्यवाद ज्ञापन एडमिशन सेल के असिस्टेंट निदेशक शम्मी सक्सेना ने दिया।कार्यक्रम में कुलसचिव एम याकूब सहित सुभारती विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के डीन व विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे। इस अवसर पर पीपीडी निदेशक ई. आकाश भटनागर, एडमिशन सेल के असिस्टेंट निदेशक शम्मी सक्सेना,  अंतर्राष्ट्रीय छात्र वैश्विक संबंध विभाग के निदेशक डॉ.अनिंदय भांझा, आयुष भटनागर आदि सहित आयोजन समिति का सहयोग रहा।

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