सेंट्रल मार्केट ध्वस्तीकरण प्रकरण
अवैध निर्माण के जिम्मेदार आवास विकास के 139 कर्मचारी भी फंसे
आवास एवं विकास परिषद ने 2014 तक तैनात अफसरों-कर्मियों की लिस्ट तैयार की
21 दुकानदारों को 15 दिन के अंदर दुकान खाली कराने का नोटिस जारी
मेरठ। सेंट्रल मार्केट मामले में आवास एवं विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में अवैध निर्माण करने वाले व व्यापारियों के साथ अपने उन 139 अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है जो 2014 तक यहां तैनात रहे हैं। अधिकारियों के सामने परिषद की सभी आवासीय योजनाओं में अवैध निर्माण होते रहे, लेकिन इन्होंने रोकने के बजाय नोटिस देकर इतिश्री कर ली।
भू उपयोग परिवर्तन कर बनाए व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के वाद में सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट के 5 दिसंबर 2014 के निर्णय को बरकरार रखते हुए अवैध कॉम्पलेक्स व अन्य निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। व्यापारियों के साथ इस दौरान आवास एवं विकास परिषद के उन सभी कर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज कराने को कहा है जिनके कार्यकाल में अवैध निर्माण हुए हैं ।
661/6 के अवैध व्यावसायिक निर्माण को 8 अफसर जिम्मेदार
आयुक्त श्रीरज साहू ने परिषद के 8 अधिकारियों को अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इनमें से सात के सेवानिवृत्त होने के चलते इन पर विभागीय कार्यवाही नहीं हो सकी। अवर अभियंत्ता राम अवतार मित्तल के खिलाफ विभागीय जांच गठित कर आरोप पत्र जारी किया गया था।अवैध व्यावसायिक कॉम्पलेक्स का निर्माण भूखंड आवंटित करने की तिथि 15 जून 1989 से कारण बताओं नाटेिस करने की तिथि 19 सिमंबर 1990 के बीच हुआ। अवर अभियंता एसके गोयल, राम अवतार मित्तल, सहायक अभियंता मनोहर कुमार, अधिशासी अभियंता एसबी त्रिपाठी द्वारा प्रथम दृष्टया कार्यवाही नहीं की गई। अधीक्षण अभियंता के रूप में आरके वर्मा और मुख्य अभियंता डीटी ठाकुर एवं एसके वर्मा कार्यरत थे। राम अवतार मित्तल को छोड़ वाकी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
कर्मियों की सूची तैयार की जा रही जो यहां तैनात रहे
व्यापारियों के साथ अपने 139 अधिकारियों, कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों ने बताया 1977 से 2014 तक के उन सभी अधिकारियों, कर्मियों की सूची तैयार की जा रही जो यहां तैनात रहे। इसमें 139 नाम बताए गए हैं। इन सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जानी है। शुक्रवार को 661/6 कॉम्पलेक्स के 21 साझीदार व्यापारियों के साथ 31 अन्य व्यापारियों और परिषद कर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी जानी थी। कुछ संशोधन के चलते एफआईआर दर्ज नहीं कराई जा सकी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 15 दिनों में 21 दुकानें खाली करने का नोटिस
सेंट्रल मार्केट में स्थित अवैध कमर्शियल कॉम्प्लेक्स को लेकर आवास विकास ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने 21 दुकानदारों को 15 दिन के भीतर दुकानें खाली करने का नोटिस जारी किया है।यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद की गई है। कॉम्प्लेक्स में दुकान नंबर 661/6 के मालिक राजेंद्र ने बताया कि उन्होंने 1992 में यह दुकान खरीदी थी। उनका कहना है कि यह जगह पहले रेजिडेंशियल थी, जिसे मालिक ने कमर्शियल में बदल दिया। वे इसका टैक्स भी कमर्शियल रेट पर चुका रहे हैं।2014 में इस मामले को लेकर विवाद शुरू हुआ था। हाईकोर्ट ने इस कॉम्प्लेक्स के नियमितीकरण के आदेश दिए थे। आवास विकास को 15 दिन में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।दुकानदारों का कहना है कि वे लंबे समय से यहां व्यापार कर रहे हैं। उनके बच्चों की पढ़ाई का खर्च चल रहा है। वे सरकार से समझौते की गुहार लगा रहे हैं। एडवोकेट अनंजय सिंह ने बताया कि व्यापारी अपना व्यापार और दुकानें बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
इन व्यापारियों के खिलाफ होगी एफआईआर
आवास अवैध दुकान का निर्माण कराने वाले दुकानदारों पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए तैयारी आंरभ कर रही है। जिन दुकानदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी । उनमें रामजी लाल नारंग, सतीश बीरमानी, विनय आहूजा, कुलदीप गर्ग, रणवीर सिंह, अमित अग्रवाल, अमित गुप्ता, नीता जैन, डॉ उमेश अग्रवाल, नीलम कपूर, डॉक्टर सौरभ तिवारी, संदीप सिंह, अनिल कुमार गुगलानी, अनिल कुमार यादव, गोपीचंद, विनोद कुमार, जामेद सिंह, राजेंद्र प्रसाद गर्ग, हरीश खुराना, आरके मुल्तानी, गुलशन ग्रोवर, अनुराग सोलंकी, मंगत राय, हरीश कुमार साहनी, अरविंद कुमार गुप्ता, एमके गुप्ता, एच एल वर्मा, राजबाला, विमल भूटानी, रामगोपाल शामिल है।
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