वन्य जीवों का संरक्षण
इलमा अज़ीम
वन्यजीव संरक्षण सिर्फ मानव जीवन की गुणवत्ता के लिए ही नहीं बल्कि मानव जीवन के अस्तित्व के लिए भी जरूरी है। वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह खाद्य श्रृंखला को संतुलित रखते हैं और प्राकृतिक चक्रों जैसे कार्बन और नाइट्रोजन चक्र को सुचारू रूप से चलाने में मददगार होते हैं।
इसलिए किसी भी जीव प्रजाति के विलुप्त होने का असर इंसानों के जीवन के लिए बढ़ते खतरे के रूप में होता है। क्योंकि प्रकृति से कोई भी जीव प्रजाति जब लुप्त होती है, तो उस स्तर का असंतुलन पैदा होता है और इससे समूचे पारिस्थितिकी तंत्र पर असर पड़ता है। वन्यजीव संरक्षण जलवायु परिवर्तन को भी रोकने में सहायक है क्योंकि जंगलों में रहने वाले जीव जंतु और पेड़-पौधे जलवायु परिवर्तन को अपनी तरह से नियंत्रित करते हैं। मसलन हाथी जंगलों में बीजों का फैलाव करते हैं, जिससे वनों का न केवल विकास उनका सघनीकरण होता है।
वन कार्बनडाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और कार्बनडाइऑक्साइड के अवशोषित होने से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा कम होता है। वन्यजीवों के संरक्षण से जलस्रोतों की रक्षा होती है। इसी तरह वन्यजीव संरक्षण जैव विविधता को बढ़ाता है; क्योंकि वन्यजीव संरक्षण का मतलब जैव विविधता का संरक्षण है। धरती को बचाने में हर जीव की अपनी एक भूमिका होती है।
यदि कोई जीव लुप्त होता है तो उसके हिस्से की भूमिका कोई दूसरा नहीं उठाता और इस तरह जैव विविधता का नुकसान होता है। मसलन अगर जंगल में शेर और बाघ जैसे शिकारी जीव कम हो जाएंगे तो हिरण और जंगली सूअर जैसे शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ जायेगी और वो जंगलों का सफाया कर डालेंगे। एक ओर आज इन्सान जहाँ अपनी जीवनशैली और आधुनिकता में उन्नति कर रहा है। वहीं दूसरी ओर पेड़ों और जंगलों की भारी कटाई से वन्यजीवों के आवास नष्ट हो रहे हैं। हम अपनी सुख सुविधाओं के चक्कर में प्रकृति से अत्यधिक छेड़छाड़ कर रहे हैं। मानव इन वन्यजीव प्रजातियों के बड़े पैमाने पर विलुप्त होने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।
इसके अलावा मनुष्य अपने मनोरंजन के लिए शिकार करता है और ये हम सबको पता होना चाहिए कि अवैध रूप से जानवरों का शिकार करना एक दंडनीय अपराध है। अपने आनंद के लिए किसी भी वन्यजीव को नहीं मारना चाहिए। वन्यजीव से मतलब उन जानवरों से है जो पालतू या समझदार नहीं हैं, वो सिर्फ जंगली जानवर हैं और जंगल में रहते हैं। यानि वन्यजीवों में ऐसे वनस्पति और जीव (पौधें, जानवर और सूक्ष्मजीव) शामिल हैं, जिनका मनुष्यों के द्वारा पालन-पोषण नहीं होता है।
इन्सान अपनी जीवनशैली और आधुनिकता में उन्नति कर रहा है। देखा जाये तो आज मनुष्य अपने कर्मों से वन्यजीव प्रजातियों के बड़े पैमाने पर विलुप्त होने के लिए जिम्मेदार हैं। वन्यजीव संरक्षण का तात्पर्य है कि हम सबको जानवरों और पौधों की प्रजातियों का संरक्षण करना है क्योंकि वो विलुप्त होने की कगार पर हैं हमें उन विलुप्त होते वन्यजीवों को बचाना है। यानि लुप्त होने के कगार पर पहुँचे वन्य जीवों की नस्ल को सुरक्षित रखना हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।
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