वैशिवक चुनौतियों पर हो गहरी नजरः पीएम मोदी
17वें सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी
नई दिल्ली (एजेंसी)।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तेजी से बदलते समय में हमें वैश्चिक चुनौतियों पर भी गहरी नजर रखनी है। खाना, पानी और ऊर्जा सुरक्षा अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के लिए ये बहुत बड़ा संकट है।
पीएम मोदी ने 17वें सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे इस दौरान उन्होंने 'लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए जिलों का समग्र विकास' और 'लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से चुनिंदा नवाचार' पर ई-कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस बार का सिविल सेवा दिवस कई वजहों से बहुत विशेष है। इस साल हम अपने संविधान का 75वां वर्ष मना रहे हैं और ये सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के भी साल है। 21 अप्रैल, 1947 को सरदार वल्लभभाई पटेल ने आप सभी को 'स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया' कहा था। उन्होंने स्वतंत्र भारत की ब्यूरोक्रेसी की नई मर्यादाएं तय की थी। एक ऐसा सिविल सर्वेंट जो राष्ट्र की सेवा को अपना सर्वोत्तम कर्तव्य माने, जो लोकतांत्रिक तरीके से प्रशासन चलाए, जो ईमानदारी, अनुशासन और समर्पण से भरा हुआ हो।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले मैंने लाल किले से कहा था कि आज के भारत को आने वाले 1 हजार साल की नींव को मजबूत करना है। एक हिसाब से देखें तो 1 हजार साल की सहस्त्राब्दी में पहले 25 साल बीत गए हैं। ये नई शताब्दी का 25वां साल है और नई सहस्त्राब्दी का भी 25वां साल है। हम आज जिन नीतियों पर काम कर रहे हैं, जो निर्णय ले रहे हैं, वो 1 हजार साल का भविष्य तय करने वाले हैं।
उन्होंने कहा, 'विकसित भारत के हमारे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भी विकास रथ के हर चक्र को मिलकर चलना है। दृढ़ प्रतिज्ञ होकर हर क्षण, हर दिन इस लक्ष्य के लिए काम करना है। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीना है, जिंदगी खपानी है।'
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से देश में व्यवस्था परिवर्तन का एक बहुत बड़ा महायज्ञ शुरू हुआ है। हम इस तेज रफ्तार के साथ खुद को तेजी से ढाल रहे हैं। आज भारत की आकांक्षी समाज... भारत के युवा... भारत के किसान... भारत की महिलाएं... उनके सपनों की उड़ान आज जिस ऊंचाई पर है... वो अभूतपूर्व है। इन अभूतपूर्व आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अभूतपूर्व गति आवश्यक है।
उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है की इस बार सिविल सेवा दिवस की थीम भारत का समग्र विकास रखी गई है। भारत का समग्र विकास यानी कोई गांव पीछे न छूटे। कोई परिवार पीछे न छूटे। कोई नागरिक पीछे न छूटे। असल प्रगति का मतलब छोटे बदलाव नहीं होता... बल्कि पूर्ण पैमाने पर प्रभाव होता है। हर घर में साफ पानी, हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, हर उद्यमी को वित्तीय पहुंच और हर गांव को डिजिटल अर्थव्यवस्था का लाभ। यही है- समग्र विकास। ऐसे में बेसिक सुविधाओं की परिपूर्णता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपको अंतिम छोर डिलीवरी पर हमेशा बहुत ज्यादा फोकस करते रहना है। समय के साथ देशवासियों की जरूरत और आकांक्षाएं तेजी से बदल रही हैं।
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