शहीदों से प्रेरणा ले युवा पीढ़ी - संजय चौधरी

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के पराक्रम ने मोइरांग से अंग्रेजों को खदेड़ा - कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी, वीर चक्र से सम्मानित

भारत को आज़ादी असंख्य ज्ञात अज्ञात शहीदों के बलिदान से मिली  - डॉ.अतुल कृष्ण, संस्थापक सुभारती समूह

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में मोइरांग विजय दिवस एवं बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जयंती का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मांगल्या प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि आज़ाद हिन्द फौज की रानी झांसी रेजीमेंट की सदस्य लेफ्टिनेंट भारती आशा मोहन सहाय के सुपुत्र श्री संजय चौधरी, वीर चक्र से सम्मानित कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी, उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राजेन्द्र सिंह, सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण, कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।



आज़ाद हिन्द फौज की लगभग 95 वर्षीय लेफ्टिनेंट भारती आशा चौधरी, जो भारतीय स्वतंत्रता लीग के प्रमुख नेता आनंद मोहन सहाय की बेटी है, उन्होंने पटना स्थित अपने आवास से वीडियों संदेश के माध्यम से सुभारती विश्वविद्यालय को मोइरांग दिवस मनाने पर अपनी शुभकामनाएं दी।

मुख्य अतिथि आज़ाद हिन्द फौज की लेफ्टिनेंट भारती आशा चौधरी के सुपुत्र श्री संजय चौधरी ने मोइरांग विजय दिवस एवं बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जयंती की सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने भारतीयों में देशभक्ति की अलख जलाकर मोइरांग को अंग्रेजों के चंगुल से आज़ाद कर भारत को अखंड बनाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात कि है, कि युवा पीढ़ी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस सहित देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों से प्ररेणा लेकर भारत को सशक्त बनाने की दिशा में प्रमुखता से कार्य करने चाहिए। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा अपने संकाय, विभाग एवं मार्ग आदि के नाम विभिन्न महापुरूषों के नाम पर रखने पर हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि सुभारती ने भारतीय महापुरूषों के संस्कारों को संजों कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने का कार्य किया है। उन्होंने 21 अक्टूबर को सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा अखण्ड भारत के स्वतंत्रता दिवस को भव्य स्तर पर मनाने पर गर्व प्रकट किया।



वीर चक्र से सम्मानित कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की साहसिक घटनाएं एवं स्वतंत्रता हेतु बनाई गई रणनीति से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने पराक्रम दिखाते हुए मोइरांग से अंग्रेजों को खदेड़ दिया। नेताजी ने हमेशा संघर्ष व बलिदान के मार्ग को अपनाकर अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी। 14 अप्रैल का दिन गर्व की अनुभूति करने के साथ शहीदों से प्रेरणा लेने का दिन है। उन्होंने सुभारती के जय हिन्द अभिवादन को हर देशवासी को अपनाने के साथ इसे प्रचलन में बढ़ाने की अपील की। उन्होंने सुभारती परिसर में स्थापित शहीद स्मारक व सुभारती डिफेन्स एकेडमी सहित राष्ट्रहित में किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यो को देश का गौरव बताया।

उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राजेन्द्र सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस एवं बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के विचार अनुकरणीय है। नेताजी सुभाष चन्द्रबोस ने अपने बलिदान सेे देश को आज़ादी दिलाई तो दूसरी ओर बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने दलित, वंचित, शोषित एवं नारियों को अधिकार दिलाने का गौरवशाली कार्य किया। आनन्द मोहन सहाय का परिवार देश भक्ति का उदाहरण है। देश की नारियों ने साहस दिखाते हुए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व में अंग्रेजों को धूल चटाने का कार्य किया। इसी क्रम में डॉ. अम्बेडकर ने संविधान में नारियों को अधिकार देकर उन्हें रक्षा, चिकित्सा, शिक्षा सहित समाज के हर क्षेत्र में सम्मानित स्थान देने का कार्य किया है।

सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने सभी अतिथियों का सुभारती विश्वविद्यालय आगमन पर अभिनंदन किया। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि राष्ट्रीयता के भाव से देश के लिए समर्पित होकर कार्य करे। इसी दिशा में सुभारती विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों मंे शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के भाव को रोपित कर उन्हें देशहित में योगदान हेतु मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रहा है।

सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण ने अपने संबोधन में देशवासियों को मोइरांग विजय दिवस एवं बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जयंती की मंगलकामनाएं दी। जोशीले अंदाज़ से लबरेज़ होकर उन्होंने जय हिन्द का नारा बोलते हुए कहा कि भारत को आज़ादी असंख्य ज्ञात एवं अज्ञात शहीदों सहित नेताजी सुभाष चन्द्रबोस जैसे महावीर के बलिदान से मिली है। मणिपुर स्थित मोइरांग को जब अंग्रेज पूरी तरह अपना कब्जा जमा चुके थे, तो नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिन्द फौज के साथ हमला कर अंग्रेजों को धूल चटाकर वहां से भागने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने बताया कि 21 अक्टूबर को अखण्ड भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में सुभारती विश्वविद्यालय हर्षोल्लास से मना रहा है, वहीं 15 अगस्त के दिन को प्रार्थना एवं संकल्प दिवस के रूप में मनाकर भारत को अखण्ड राष्ट्र बनने की कामना की जाती है। विशेष घोषणा में उन्होंने बताया कि आगामी 21 अक्टूबर के अवसर पर मेरठ में दर्जनों स्कूलों के बच्चों को शामिल कर झांकी निकाली जाएगी।

उन्होंने बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा डॉ.अम्बेडकर ने लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर उन्हें न्याय एवं समाज मंे सम्मानित स्थान दिलाने का गौरवपूर्ण कार्य किया हैं। सुभारती विश्वविद्यालय बाबा साहब डॉ.अम्बेडकर के विचारों को आत्मसात करते हएु प्रत्येक वर्ष बुद्ध मेले का आयोजन करता है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में बाबा साहब डॉ.अम्बेडकर शोध पीठ भी स्थापित है। सुभारती विश्वविद्यालय इसी दिशा में अपने सभी विद्यार्थियों को इतिहास की सच्चाई से रूबरू करा रहा है।


नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शोध पीठ का परिचय डॉ.प्रीति सिंह ने दिया। डॉ. अम्बेडकर शोध पीठ का परिचय डॉ.रीना विश्नोई ने दिया। डॉ. अम्बेडकर के योगदान पर विस्तृत भाषण सुभारती लॉ कॉलेज के डीन डॉ.वैभव गोयल भारतीय ने दिया।

मोइरांग विजय दिवस एवं भारत को किस प्रकार आज़ादी मिली के विषय पर आधारित पीपीटी प्रदर्शित की गई। सभी अतिथियों को सुभारती परिवार द्वारा स्मृति चिहृ प्रदान कर सम्मानित किया गया।विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने मोइरांग विजय दिवस एवं बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के विषय पर सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।धन्यवाद ज्ञापन मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने दिया।मंच का संचालन डॉ. सीमा शर्मा एवं डॉ.अभिनव शर्मा ने किया।

इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेन्द्र शर्मा, चौधरी यशपाल सिंह, एडवोकेट बदर महमूद, फ़ैज़ महमूद, सरदार कर्मेन्द्र सिंह, जीशान, मेजर हिमांशु, डॉ.अनुभूति चौहान, मेजर डॉ देशराज सिंह, कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक डॉ.निखिल श्रीवास्तव, डॉ.मनोज कपिल आदि सहित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।  कार्यक्रम में आयोजन समिति के सभी सदस्यों का सहयोग रहा।

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