बेलगाम फीस की वसूली
इलमा अज़ीम
प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस में बेलगाम बढ़ोतरी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्राइवेट स्कूलों के संचालकों में मुनाफा कमाने का लालच इस कदर बढ़ता जा रहा है कि वे सारी सीमाओं को तोड़ते जा रहे हैं।
स्कूल से जबरदस्ती महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने का मामला हो या फिर तय की गई दुकानों से ही घटिया क्वालिटी की ड्रेस ज्यादा कीमत पर खरीदने का दबाव हो, ऐसा लगता है कि इनपर कोई कानून या नियम लागू नहीं होता है। प्राइवेट स्कूलों की लॉबी इतनी ज्यादा मजबूत हो गई है कि अब इन्हें सरकारों का भी कोई भय नहीं रहा है। दिल्ली के एक नामी-गिरामी स्कूल से ऐसी खबर आई जिसने सबको स्तब्ध कर दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के एक बड़े स्कूल ने तो बच्चों को ही बंधक बना लिया था। बताया जा रहा है कि दिल्ली के एक बड़े स्कूल में फीस बढ़ोतरी को लेकर वहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिवावक प्रदर्शन कर रहे थे और इस बीच स्कूल के प्रबंधकों ने कुछ बच्चों को लाइब्रेरी में बंधक बना लिया।
दिल्ली के कई प्राइवेट स्कूलों के बाहर मनमानी फीस बढ़ोतरी के खिलाफ अभिवावक प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली में 1700 के लगभग प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें सरकारी जमीन पर बने प्राइवेट स्कूल 448 हैं। सरकार द्वारा बनाए गए नियम के हिसाब से सभी स्कूलों को हर साल फाइनेंशियल स्टेटमेंट देना जरूरी होता है।
अगर शिक्षा निदेशालय को फीस बढ़ोतरी गलत लगती है, तो वो इसे रोक सकती है और स्कूल को बढ़ी हुई फीस अभिवावकों को वापस देनी होगी। लेकिन सरकार चुप है, अधिकारी अपना काम नहीं कर रहे हैं और इसका नतीजा स्कूलों की मनमानी के रूप में सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के कई प्राइवेट स्कूलों ने 10 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी है।
ये स्कूल ट्यूशन फीस, डिवेलपमेंट फीस, ट्रांसपोर्ट फीस के अलावा ओरिएंटेशन फीस, एसी, स्कूल ऐप और स्मार्ट क्लास के नाम पर भी तगड़ी वसूली कर रहे हैं। दिल्ली की बीजेपी सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि उनकी सरकार बनने के बाद शुरू हुए स्कूलों के नए सत्र में ही यह फीस बढ़ोतरी की गई है। समय की यह मांग है कि सरकार आगे आए और इन प्राइवेट स्कूलों की दादागिरी, मनमानी और तानाशाही भरे रवैए पर रोक लगाए या फिर कड़ी कार्रवाई करें।
No comments:
Post a Comment