दी जीनोमिक फाउंडेशन, द्वारका (नई दिल्ली) तथा कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि, के बीच उच्च स्तरीय अनुसंधान सहयोग हेतु समझौता पत्र हस्ताक्षरित

 मेरठ।  शनिवार को  एक ऐतिहासिक अवसर पर दी जीनोमिक फाउंडेशन, द्वारका (नई दिल्ली) एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के बीच उच्च स्तरीय अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने हेतु एक महत्वपूर्ण समझौता पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौता पत्र पर विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. (डा.) के.के. सिंह तथा दी जीनोमिक फाउंडेशन की ओर से अध्यक्ष डा. एन.के. सिंह ने हस्ताक्षर किए। इस महत्वपूर्ण अवसर पर विवि के कुलसचिव डा. रामजी सिंह तथा निदेशक शोध डा. कमल खिलाड़ी ने विवि के प्रतिनिधि एवं साक्ष्य के रूप में हस्ताक्षर किए, वहीं दी जीनोमिक फाउंडेशन की ओर से डा. मनोज यादव और डा. रेखा दीक्षित ने साक्षी के रूप में अपने हस्ताक्षर कर इस समझौते को विधिपूर्ण स्वरूप प्रदान किया।इस समझौता पत्र के माध्यम से दोनों संस्थान कृषि जैव प्रौद्योगिकी, जीनोम अनुसंधान, उन्नत कृषि नवाचारों, सतत कृषि विकास तथा कृषकों के कल्याण हेतु संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, तकनीकी आदान-प्रदान, प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान गतिविधियों का संचालन करेंगे। इसके अतिरिक्त, दोनों संस्थान अनुसंधान अवसंरचना साझा करने, शोध छात्रों को परस्पर प्रशिक्षण देने एवं नवीनतम तकनीकी विकास को व्यावहारिक कृषि नवाचारों में रूपांतरित करने की दिशा में भी समन्वित प्रयास करेंगे।
समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए कुलपति प्रो. (डा.) के.के. सिंह एवं फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. एन.के. सिंह ने इस सहयोग को कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह साझेदारी न केवल उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि भारतीय कृषि को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी। दोनों गणमान्य हस्तियों ने विश्वास जताया कि इस पहल से किसानों को नवीनतम तकनीकी समाधान उपलब्ध कराए जा सकेंगे, जिससे उनकी आय बढ़ाने तथा कृषि को अधिक टिकाऊ बनाने में सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. रामजी सिंह तथा निदेशक शोध डा. कमल खिलाड़ी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस सहयोग से विवि की शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों में गुणात्मक वृद्धि होगी तथा विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक तकनीकों एवं वैश्विक अनुसंधान प्रवृत्तियों से परिचित होने का अवसर प्राप्त होगा।
समारोह का समापन आपसी सहयोग, नवाचार और कृषि क्षेत्र में दीर्घकालिक सकारात्मक परिवर्तन की आशा के साथ हुआ। सभी उपस्थित गणमान्य जनों ने इस पहल को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया, जो आने वाले वर्षों में भारतीय कृषि अनुसंधान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।

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