सर्वदलीय बैठक का संदेश
राजीव त्यागी
सर्वदलीय बैठक में सरकार को विपक्ष ने अपना पूरा समर्थन दिया है। इस बैठक में पहलगाम में हुई अमानवीय घटना पर विस्तार से चर्चा की गई। सभी दलों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में वे सरकार के साथ हैं। सभी राजनीतिक दलों ने यह संदेश दिया है और सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा है कि सरकार जो भी कदम उठाएगी, हम उसका समर्थन करेंगे...बैठक सकारात्मक मुद्दे पर समाप्त हुई। बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- सभी ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। विपक्ष ने सरकार को कोई भी कार्रवाई करने के लिए पूरा समर्थन दिया है।
इस बात पर तकरीबन सभी लोग एकराय नजर आए कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए'। पूरा देश गुस्से में है, दुखी है और देश चाहता है कि केंद्र सरकार आतंकियों को उनकी भाषा में मुंहतोड़ जवाब दे। जिस तरह से उन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या की है, उनके कैंपों को नष्ट किया जाना चाहिए और पाकिस्तान के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बैठक से जो समग्र सहमति बनी है, वह यह है कि सभी राजनीतिक दल इस मामले पर एक साथ हैं और हम दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सरकार की तरफ से उठाए जाने वाले हर कदम का पूरा समर्थन करते हैं।' इस घटना की निंदा करने और केवल शब्दों में व्यक्त करने तक सीमित रहना चाहिए।
कुछ सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं। बहरहाल इस हमले के बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े जवाबी कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का फैसला किया जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता और एकीकृत अटारी चेक पोस्ट को बंद कर दिया है।भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को भी अवांछित घोषित कर दिया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है।
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