स्वामी सुप्रिदिप्तानंद को जालसाजों ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 2.52 करोड़ रुपए

साइबर ठगों ने 26 दिन कैद में रखकर रूपये खाते में ट्रांसफर कराए 

ग्वालियर ,एजेंसी। साइबर ठगों के निशान पर अब आम आदमी ,सरकारी कर्मचारी के बाद संत भी निशाने पर आ गये हे। ताजा मामला ग्वालियर का सामने आया है। जहां पर रामकृष्ण आश्रम के स्वामी सुप्रिदिप्तानंद को साइबर ठगों ने 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 2.52 करोड़ रुपए ठग लिए । ठगी का अहसास होने पर संत ने थाने में शिकायत दर्ज करायी है। एमपी में यह अब तक का सबसे बड़ा साइबर क्राइम माना जा रहा रहे है। 

 रामकृष्ण आश्रम के स्वामी सुप्रिदिप्तानंद  पर जालसाजों ने मनी लॉन्डरिंग का आरोप लगाकर उन्हें 26 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा और इस दौरान उनके खाते से दो करोड़ 52 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। संदेह होने पर महंत स्वामी सुप्रिदिप्तानंद ने पुलिस में शिकायत दी है। पुलिस को दिए शिकायत में महंत ने बताया है कि उन्हें 17 मार्च को एक फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को महाराष्ट्र में नासिक पुलिस का अफसर बताया और कहा कि उन्होंने मनी लॉन्डरिंग के आरोपी के साथ करोड़ों रुपए का लेनदेन किया है। उन्होंने मना किया तो आरोपी ने उन्हें वीडियो कॉल किया। इस दौरान फोन की स्क्रीन पर थाने का दृष्य दिखा। इसमें नासिक पुलिस का बोर्ड और पुलिस यूनिफॉर्म में बैठे युवक बात करते नजर आए।

इस बातचीत के दौरान आरोपी ने बताया कि वह भी इस मनी लॉन्डरिंग केस में फंस चुके हैं। इसी के साथ जालसाजों ने उन्हें धमकाते हुए घर परिवार और परिचितों से बात नहीं करने को कहा और 26 दिनों तक लगातार उन्हें निगरानी में रखा। जालसाज उनसे हर एक घंटे पर उनकी लोकेशन लेते और डराते धमकाते थे। इस दौरान जालसाजों ने उनके बैंक खाते से 2 करोड़ 52 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। इसके लिए उन्हें भरोसा दिया था कि जांच पूरी होने के बाद 14 अप्रैल को यह रकम उन्हें वापस कर दी जाएगी।महंत ने बताया कि जब 15 अप्रैल तक उनका पैसा वापस नहीं लौटा, तो उन्होंने ठगों के नंबर्स पर कॉल किया। इस दौरान सभी नंबर बंद पाए गए। इससे उन्हें शक हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।पुलिस ने जालसाजों के सभी बैंक एकाउंट सीज करा दिए हैं। वहीं मोबाइल नंबर के आधार पर उन्हें ट्रैस करने की कोशिश की जा रही है।

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