मई में होगा 20 दिवसीय श्रीमद भगवद् गीता पर कार्यशाला का आयोजन
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विवि के स्वामी विवेकानन्द शोध पीठ द्वारा अगले माह मई में श्रीमद भगवद् गीता पर 20 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही अल्पकालिक सर्टिफिकेट कॉर्स भी शुरू किया जाएगा।
इस्कॉन मंदिर मेरठ के अध्यात्मिक गुरू प्रभु चारू गोविन्द दास ने स्वामी विवेकानन्द शोध पीठ की संयोजिका प्रो. डॉ.मोनिका मेहरोत्रा के साथ सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के थपलियाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज से भेंट की।
कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने बताया कि श्रीमद भगवद् गीता के पाठ से जीवन की सभी नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। इतना ही नहीं गीता पढ़ने से व्यक्ति का आत्मबल बढ़ता है और व्यक्ति साहसी बनकर अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ता है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से उनमें सकारात्मक ऊर्जा के संचार हेतु आगामी मई में 20 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने अध्यात्मिक गुरू प्रभु चारू गोविन्द दास का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि गीता से व्यक्ति को सच और झूठ, ईश्वर और जीव का ज्ञान हो जाता है। अच्छे और बुरे की समझ आ जाती है। भगवत गीता का पाठ करने से व्यक्ति को तनाव से भी मुक्ति मिलती है।
अध्यात्मिक गुरू प्रभु चारू गोविन्द दास ने हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाते हुए श्रीमद भगवद् गीता से अपने विद्यार्थियों को जोड़कर गौरवपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि भगवद गीता पढ़ने से हमारी इंद्रियां शुद्ध होती है। इससे हमारी बुद्धि का विकास होता है। भगवद गीता हमारे जीवन से नकारात्मक भाव को नष्ट कर हमें सकारात्मक जीवन प्रदान करती है। इस कार्यशाला में गीता के सार से विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन किया जाएगा।
स्वामी विवेकानन्द शोध पीठ की संयोजिका प्रो. डॉ.मोनिका मेहरोत्रा ने बताया कि भगवत गीता कार्यशाला के साथ जल्द ही अल्पकालिक सर्टिफिकेट कोर्स भी आरम्भ किया जाएगा। स्वामी विवेकानन्द शोध पीठ द्वारा इस दिशा में प्रमुखता से कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर सुभारती डेन्टल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.निखिल श्रीवास्तव, स्कान मंदिर से अभिषेक सिंह की उपस्थिति रही।
No comments:
Post a Comment