एमएसडीई ने स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में जमीनी स्तर पर नवाचार का प्रदर्शन किया

मेरठ : भारत स्टार्टअप महाकुंभ 2025 की मेजबानी की तैयारी कर रहा है जो स्टार्टअप्स, निवेशकों और वैश्विक विचारकों का अब तक का सबसे बड़ा समागम होगा। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय अपने समर्पित मंडप के माध्यम से समावेशी उद्यमिता की एक आकर्षक कहानी प्रस्तुत करेगा। 3 से 5 अप्रैल तक नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में एमएसडीई द्वारा 15 उद्यमियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिनकी यात्रा जमीनी स्तर पर नवाचार और संस्थागत समर्थन की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक है।
कार्यक्रम से पहले एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा स्टार्टअप महाकुंभ के माध्यम से हम सिर्फ उद्यमों का प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं हम लचीलेपन, आकांक्षा और भारत की आर्थिक कल्पना के भविष्य की कहानियां बता रहे हैं जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कल्पना की है, श्आत्मनिर्भर भारत केवल एक दृष्टि नहीं है। यह प्रत्येक भारतीय की उद्यमशीलता की भावना से संचालित एक आंदोलन है। इस भावना ने पहले ही 118 से अधिक यूनिकॉर्न को जन्म दिया है, जिससे भारत दुनिया के शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में शामिल हो गया है। उद्यमिता आज महानगरों के बोर्डरूम तक सीमित नहीं है-यह गांवों टियर-टू शहरों और कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों में भी फल-फूल रही है एनआईईएसबीयूडी का मॉडल दर्शाता है कि कैसे लक्षित कौशल, मार्गदर्शन और पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण उल्लेखनीय परिवर्तनों को उत्प्रेरित कर सकता है।
हॉल 4 में स्थित स्किल इंडिया पैवेलियन इन उद्यमियों और उनके उपक्रमों पर प्रकाश डालेगा तथा उन्हें निवेशकों, उद्योग के दिग्गजों और नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने के लिए एक राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा।
राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान के तत्वावधान में तैयार और विकसित ये उद्यमी भारत के उभरते स्टार्टअप इकोसिस्टम की समृद्ध विविधता और सरलता का प्रतिनिधित्व करते हैं। बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, तमिलनाडु और उत्तराखंड जैसे विभिन्न राज्यों से आए ये उद्यम टिकाऊ कृषि, पर्यावरण के प्रति जागरूक वस्त्र, एआई-संचालित सेवाएं, कचरे से संपत्ति समाधान और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में फैले हुए हैं।
इनमें फील्ड-एक्स रोबोटिक्स शामिल है, जो परिशुद्ध कृषि के लिए स्वचालन उपकरण विकसित कर रहा है। धन्ना फूड प्रोडक्ट्स तमिलनाडु आधारित उद्यम है, जिसका कारोबार 1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, तथा गीता हर्बल प्रोडक्ट्स, जो हिमाचल प्रदेश में महिला उद्यमियों द्वारा स्थानीय ज्ञान का उपयोग करके स्थायी व्यक्तिगत देखभाल समाधान बनाने के लिए स्थापित किया गया है। इन उपक्रमों को जिनमें से अनेक को मामूली निवेश के साथ शुरू किया गया है, गहन प्रशिक्षण, बाजार संपर्क सुविधा, तथा एनआईईएसबीयूडी द्वारा संचालित उद्यम विकास कार्यक्रमों के माध्यम से विकसित किया गया है, जिसमें संकल्प और ईडीपी ढांचे भी शामिल हैं।

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