15 दिवसीय फूड प्रिजर्वेशन कार्यशाला का शुभारंभ 

मेरठ। गृह विज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर, में  15 दिवसीय फूड प्रिजर्वेशन कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला का उद्घाटन विभाग की समन्वयक प्रो० बिन्दु शर्मा, प्रो० जमाल अहमद सिद्दकी (विभागाध्यक्ष, पुस्तकालय एवं सूचना विभाग) एवं श्री सुशील कुमार सिरोही (फूड प्रोसेसिंग एंड प्रिजर्वेशन सेंटर इंचार्ज) के करकमलों द्वारा किया गया।

शुभारंभ सत्र में मुख्य अतिथि श्री सुशील कुमार सिरोही ने अपने विस्तृत व्याख्यान में फूड प्रोसेसिंग की विभिन्न विधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्र-छात्राओं को फल एवं सब्जियों के संरक्षण की पारंपरिक और आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे सामान्य गृह उपयोग की विधियों से जैम, जैली, मुरब्बा एवं अन्य भोज्य उत्पाद बनाए जा सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से न केवल मौसमी फलों और सब्जियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है, बल्कि इससे आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया जा सकता है।

श्री सिरोही ने अपने भाषण में विशेष रूप से यह भी उल्लेख किया कि, "भारत जैसे कृषि प्रधान देश में फूड प्रोसेसिंग एक अवसरों से भरा हुआ क्षेत्र है। युवाओं को इस दिशा में प्रशिक्षण लेकर छोटे स्तर से अपने स्टार्टअप या उद्यम शुरू करने चाहिए। यह क्षेत्र न केवल उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराएगा, बल्कि वे अन्य लोगों के लिए भी रोजगार सृजन कर सकेंगे। इस अवसर पर समन्वयक प्रो० बिन्दु शर्मा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि, इस प्रकार की कार्यशालाएं अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक दक्षता भी प्रदान करती हैं। विभाग निरंतर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा, जिससे छात्र-छात्राएं तकनीकी रूप से सक्षम बनें और भविष्य में स्वावलंबी बन सकें।

प्रो० जमाल अहमद सिद्दकी ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों को इस प्रकार की कार्यशालाओं में सक्रिय सहभागिता के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि फूड साइंस, सीड साइंस जैसे विभागों के विद्यार्थियों को इस प्रकार के प्रयोगात्मक ज्ञान से जुड़कर अंतरविषयक समझ विकसित करनी चाहिए। कार्यशाला में एन०ए०एस० कॉलेज, सीड साइंस, फूड साइंस आदि विभागों के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजक मण्डल में विभाग के प्रवक्ता डॉ० निधि चौधरी, डॉ1 श्वेता शर्मा, डॉ1 इरम मुमताज, मि. नेहा शर्मा, इति सिंघल, गिरिराज, प्रमोद कुमार तथा राजू आदि का विशेष योगदान रहा।

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