फर्जी एमबीबीएस डिग्री बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश दो गिरफ्तार 

 10-15 लाख में बेचते थे फर्जी डिग्री; 15 विश्वविद्यालयों का डेटा बरामद

मेरठ। मेरठ पुलिस और स्वाट टीम ने फर्जी एमबीबीएस डिग्री बनाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में  सरधना क्षेत्र से   दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

मामला तब सामने आया जब अर्पित जैन ने 27 मार्च 2025 को थाना सरधना में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उनकी भतीजी को रोमानिया में एमबीबीएस कराने के नाम पर 5.80 लाख रुपये ठग लिए।

पहला आरोपी सूरज प्रकाश है, जो गाजियाबाद के गौड़ सिटी का रहने वाला है। उसके पास से चौधरी चरण सिंह मेरठ विश्वविद्यालय की फर्जी एमबीबीएस डिग्री, माइग्रेशन सर्टिफिकेट और अंक तालिका बरामद हुई। ये दस्तावेज अयाज नफीस के नाम पर बनाए गए थे।दूसरा आरोपी बिलाल है, जो जौनपुर का रहने वाला है। वह ब्रजेश कुमार के फर्जी नाम से काम करता था। उसके पास से तीन मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद हुआ। जांच में पता चला कि उसके पास देश के 15 विश्वविद्यालयों का डेटा मौजूद था।गिरोह हर फर्जी डिग्री के लिए 10 से 15 लाख रुपये वसूलता था। आरोपी अपनी वेबसाइट के जरिए नए शिकार को फंसाते थे। पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाने के उपकरण और डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए हैं।

बोले अधिकारी 

 स्वाट टीम और सरधना पुलिस ने विदेश से एमबीबीएस कराने के नाम पर लोगों की रकम हड़पने वाले गिरोह का खुलासा किया है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकडे गये अराेपियों के पास से विदेश के कई विवि की फर्जी दस्तावेज मिले है। देश के 15 विवि  डाटा मिला है। आरोपियासें के पास से चौधरी चरण विवि की फर्जी मार्कशीट भी बरामद की गयी है।  पकड़े गये आरोपियों से इस बात की पूछताछ की जा रही है। ऐसे कितने लोगों के साथ उन्होनें ठगी की है। 

 विपिन ताड़ा ,एसएसपी , मेरठ 


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