हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का विवि इतिहास विभाग आयोजन
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित इतिहास विभाग में दिनांक 25 व 26 मार्च 2025 को एक्सप्लोरिंग बुद्धिस्म : हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी विषय पर होने वाली अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के संबंध में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
विभाग अध्यक्ष एवं अंतरराष्ट्रीय सेमिनार संयोजक प्रोफेसर कृष्णकांत शर्मा, आयोजन सचिव प्रोफ़ेसर आराधना, सेमिनार निदेशक प्रोफेसर विघ्नेश कुमार, सहसंयोजक प्रोफेसर ए वी कौर, कोऑर्डिनेटर डॉ कुलदीप कुमार त्यागी, डॉक्टर योगेश कुमार, ,डॉक्टर मनीषा त्यागी उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रोफेसर कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि यूनान ,नीदरलैंड ,म्यांमार, वियतनाम, श्रीलंका, थाईलैंड साउथ कोरिया व भारत सहित आठ देश एवं भारत के 16 राज्यों से दो दिन चलने वाली इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में प्रोफेसर्स, विषय विशेषज्ञ ,रिसर्च स्कॉलर्स एवं विद्यार्थी भाग लेने वाले हैं। इस अवसर पर 2 दिन चलने वाली इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन इतिहास विभाग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एवं उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग लखनऊ, ग्रीक चेयर एस एल एल एवं सी एस जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के संयुक्त तत्वधान में किया जा रहा है। कीनोट स्पीकर के रूप में ग्रीस के प्रोफेसर डिमिटेरियस एवं श्रीलंका के पूर्व डायरेक्टर जनरल आफ आर्कियोलॉजी प्रोफेसर अनुरा मनतुगा होंगे। विशिष्ट अतिथियों के रूप में ग्रीक चेयर एस एल एल और सी एस जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के डॉक्टर अनिल कुमार सिंह, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के पुरातत्ववेत्ता प्रोफेसर विनय कुमार, कन्या गुरुकुल केंपस देहरादून की हेड प्रोफेसर रेनू शुक्ला ,उत्तर प्रदेश स्टेट आर्कियोलॉजी डिपार्मेंट लखनऊ की डायरेक्टर श्रीमती रेनू द्विवेदी, सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी साउथ कोरिया की डॉक्टर जेनिफर बेटस, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ के डॉक्टर चंद्रा कीर्ति भनते उपस्थित रहेंगे। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन सत्र विश्वविद्यालय स्थित अटल सभागार में 25 मार्च 2025 को प्रातः 10:00 बजे होगा। तथा दूसरे दिन 26 मार्च 2025 को समापन सत्र विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग स्थित वीर बंदा बैरागी सभागार में संपन्न होगा।
इस अवसर पर प्रोफेसर विघ्नेश कुमार ने बताया कि निश्चित रूप से इतिहास विभाग द्वारा आयोजित यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में विशेष कर नए रिसर्चर के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगी। इसका महत्व इसी बात से स्पष्ट होता है कि अगले दो दिनों में इस सेमिनार में लगभग 210 शोधार्थियों का पंजीकरण अभी तक हुआ है। मेरठ की धरती क्रांति धरा रही है ऐतिहासिक रूप से यहां से इस प्रकार के महत्वपूर्ण आयोजनों के माध्यम से तथ्य आधारित इतिहास के संबंध में नवीन जानकारी प्राप्त हो सकेगी। प्रोफेसर आराधना ने इस प्रकार के आयोजन को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए इसकी कार्य योजना पर प्रकाश डाला। पहले दिन पहला और दूसरा तकनीकी सत्र 2:00 बजे से प्रारंभ होगा जिसमें लगभग ढाई दर्जन शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण होगा।
इसी प्रकार सेमिनार के दूसरे दिन 26 मार्च 2025 को प्रातः 10:00 बजे से एक से अधिक पैरलल तकनीकी सत्रों में शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इस प्रकार अभी तक प्राप्त लगभग 200 शोध पत्र प्राप्त हुए हैं। प्रोफेसर ए वी कौर ने छात्र-छात्राओं के लिए ऐसे बड़े आयोजनों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया ऐसे आयोजनों से बहुत कुछ नई तथ्यों का पता चलता है। शोध पत्रों में साइलेंट फीचर्स ऑफ भक्ति मूवमेंट कम फ्रॉम बुद्धिस्म बुद्ध धर्म और वर्तमान प्रासंगिकता बुद्धिस्ट फिलासफी एंड कॉन्सेप्ट्स आफ इकोलॉजी मॉनेस्टिक सेंटर्स आफ ईस्टर्न इंडिया एड आर्कियोलॉजिकल कॉन्टेक्स्ट एंड देयर स्पेटिएल ऑर्गेनाइजेशन इन ओडीशा बुद्धिस्ट ट्रेडीशंस इन उज़्बेकिस्तान
आदि शीर्षक वाले अनेक महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रस्तुत 25 मार्च 2025 से प्रारंभ होकर यह अंतरराष्ट्रीय सेमिनार दिनांक 26 मार्च 2025 को साय संपन्न होगी। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की सफल संचालन के लिए इतिहास विभाग में इंटरनल कमेटियों का जैसे आवास समिति,भोजन समिती,मंच समिति, कल्चरल समिति, इत्यादि का गठन किया गया है।
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